हल्द्वानी। हल्द्वानी के वनभूलपुरा में मलिक के बगीचे में गुरुवार को अवैध रूप से कब्जा कर बनाए गए मदरसे और धार्मिक स्थल तोड़ने के दौरान भारी बवाल मच गया। गुस्साई भीड़ ने जमकर पथराव और आगजनी कर वनभूलपुरा थाना आग के हवाले कर दिया। पुलिस की जवाबी फायरिंग में छह लोगों की मौत हो गई। नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने कफ्र्यू लगाते हुए दंगाइयों को गोली मारने के आदेश दिए हैं।
उत्तराखंड में सरकारी जमीनों पर बने अवैध धार्मिक स्थलों को हटाने की कार्रवाई काफी दिनों से चल रही है। इसी के तहत गुरुवार दोपहर करीब तीन बजे हल्द्वानी नगर निगम की टीम भारी पुलिस फोर्स के साथ वनभूलपुरा थाने पहुंची। फोर्स ने थाने के अतिक्रमण स्थल मलिक का बगीचे क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए मदरसे व धार्मिक स्थल को हटाने की कार्रवाई जैसे ही शुरू की लोगों की भीड़ एकत्र होने लगी। पुलिस ने बेरिकेडिंग कर लोगों को रोकने की कोशिश की तो भीड़ ने चारों तरफ से पथराव और पेट्रोल बम चलाने शुरू हो गए। छतों और तंग गलियों से चले पत्थरों से 300 से अधिक लोग घायल हो गए, जिसमें हल्द्वानी एसडीएम पारितोष वर्मा, कालाढूंगी एसडीएम रेखा कोहली, तहसीलदार सचिन कुमार, सीओ स्पेशल ऑपरेशन नितिन लोहनी समेत 200 से अधिक पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं। उग्र हुई भीड़ ने वनभूलपुरा थाना जला दिया। थाने के सामने खड़ी फायर बिग्रेड की बस, पुलिस पेट्रोल कार, मोटरसाइकिल, ट्रैक्टर समेत 100 से अधिक वाहन फूंक डाले। देर शाम तक क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी रही। हल्द्वानी शहर में बवाल बढ़ते ही शाम को ही दुकानें बंद होना शुरू हो गईं, पेट्रोल पंप भी रात नौ बजे से पहले बंद कर दिये गए। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध निर्माण को हटाये जाने के दौरान पुलिस और प्रशासन के अफसरों पर हमले की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने अशांति फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने देर शाम सीएम आवास में इस घटना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और अफसर से पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को क्षेत्र में शान्ति एवं कानून व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के सख्त निर्देश भी दिए हैं। शिक्षा विभाग ने हल्द्वानी विकासखंड के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों और सरकारी निजी स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी घोषित कर दी है। बीईओ हरेंद्र कुमार मिश्रा ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। बताया है कि सुरक्षा कारणों के चलते ऐसा निर्णय लिया । पुलिस के अनुसार घायल गफूर बस्ती निवासी जॉनी और उसका बेटा अनस, आरिस(16) पुत्र गौहर, गांधीनगर निवासी फहीम और वनभूलपुरा के इसरार और शिवान की मौत हो गई। गौरतलब है कि वनभूलपुरा क्षेत्र के मलिक का बगीचा की करीब दो एकड़ भूमि को नजूल भूमि बताते हुए प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम बीती 29 जनवरी को मौके पर पहुंची। भूमि को अपने कब्जे में लेते हुए निगम ने पक्का निर्माण ढहाया। हालांकि यहां बने एक मदरसे और धार्मिक स्थल को उस दिन नहीं तोड़ा गया। दूसरे दिन भी एक टीम ने मौके पर पहुंचकर तारबाड़ किया। वहीं, इसी दिन शाम को संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर एक फरवरी तक दोनों निर्माण हटा लेने को कहा गया। हालांकि एक फरवरी को कोई कार्रवाई नहीं हुई। तीन फरवरी को विरोध में वनभूलपुरा क्षेत्र के कई लोग नगर निगम पहुंचे और अफसरों के सामने विरोध दर्ज किया। बात नहीं बनी तो अफसरों ने चार फरवरी की सुबह छह बजे अतिक्रमण तोड़ने का मन बनाया। जिसकी भनक लगते ही दर्जनों महिलाएं मलिक के बगीचे के पास दुआएं पढ़ने बैठ गई। देर रात वनभूलपुरा थाने में एसएसपी प्र“ाद नारायण मीणा की मौजूदगी में प्रशासन और निगम अफसरों की बैठक हुई। इस दौरान दोनों निर्माण ध्वस्त न करने का फैसला लिया गया और प्रशासन की एक टीम ने रात में मदरसा और धार्मिक स्थल सील कर दिया था। इधर, गुरुवार दोपहर को प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की टीम अतिक्रमण ध्वस्त करने अचानक पहुंच गए।