नई दिल्ली। नीलू सिंह
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में देशवासियों से लोकसभा चुनाव में मताधिकार का प्रयोग करने का अनुरोध किया। इस साल होने वाले लोकसभा चुनावों को विशेष करार देते हुए उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में जन्म लेने वाले मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर नई लोकसभा के गठन में अपना योगदान देंगे। राष्ट्रपति ने अनेकता में एकता को सबसे बड़ी ताकत बताया। कहा कि देश के संसाधनों पर हम सभी का बराबर हक है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि यह चुनाव सभी देशवासियों के लिए लोकतंत्र में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाने का महत्वपूर्ण अवसर है। लोकतंत्र की सफलता के लिए मतदान करना हमारा एक पुनीत कर्तव्य बन जाता है। सभी से अनुरोध किया कि इस कर्तव्य का अवश्य पालन करे। विश्व में भारत के बढ़ते सम्मान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में भारत के योगदान की सराहना होती है। भारत को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हम सभी अपने गणतंत्र की यात्रा में तेजी से बढ़ रहे हैं। विश्वास जताया कि संवैधानिक आदर्शो के वाहक के रूप में आगे बढते हुए हम भारत के लोग अपने गणतंत्र के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि हमें सभी वर्गों और समुदायों को समुचित स्थान देने वाले राष्ट्र के रूप में आगे बढते हुए ऐसे समाज का निर्माण करना है, जिसमें हर बेटे-बेटी की विशेषता, क्षमता और प्रतिभा की पहचान हो। उसके विकास के लिए उन्हें हर तरह की सु्विधा और प्रोत्साहन उपलब्ध हो।
राष्ट्रपति ने कहा कि गणतंत्र के रूप में हमने एक लंबी यात्रा तय की है, पर अभी हमें बहुत आगे जाना है। उन्होंने कहा कि हमारे जो भाई-बहन विकास की दौड़ में पीछे रह गए हैं, उन सबको साथ लेकर हमें आगे बढ़ना है। इक्कीसवीं सदी के लिए हमें अपने लक्ष्यों और उपलब्धियों के लिए नए मानदंड निर्धारित करने हैं। हमें अपनी गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देना होगा।