देहरादून। अनीता रावत
भैयादूज के पावन पर्व पर शनिवार को दोपहर 12:15 बजे विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। जिसके बाद शनिदेव की अगुवाई में मां यमुना की डोली शीतकालीन प्रवास खुशीमठ (खरसाली) के लिए रवाना हुई। शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में ही होंगे।
भैया दूज के पावन पर्व पर पौराणिक परंपरानुसार शनिवार सुबह यमुनोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों द्वारा विधिविधान के साथ पूजा अर्चना कर यमुनोत्री मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू की। जिसके बाद दोपहर 12:15 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की डोली यमुनोत्री धाम से शनि देव की अगुवाई में पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप पर अपने शीतकालीन प्रवास खुशीमठ के लिए रवाना हुई। शाम को मां यमुना की डोली के खुशीमठ पहुंची, जहां ग्रामीणों ने भव्य स्वागत किया। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकाल में छह माह तक मां यमुना की पूजा अर्चना उनके शीतकालीन प्रवास खुशीमठ में होगी तथा यहीं पर देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु शीतकाल में छह माह तक मां यमुना के दर्शन कर सकेंगे। अक्षय तृतीया के पर्व पर पुनः ग्रीष्म काल के लिए यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। इस मौके पर पूर्व राज्यमंत्री जगवीर भंडारी, एसडीएम शालिनी नेगी, सीओ अनुज, डिप्टी सीएमओ डॉ आरसी आर्य, मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल, प्यारे लाल उनियाल, अनिरुद्ध उनियाल, पुरुषोत्तम उनियाल, गिरीश उनियाल, श्यामसुंदर उनियाल, प्रदीप उनियाल, अभिषेक उनियाल, राकेश, विपिन आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।