वाशिंगटन।
काबुल में गुरुवार को बम धमाके में 100 से ज्यादा लोगों की मौत के बाद अमेरिका तिलमिला गया है। अमेरिका ने शुक्रवार को स्पष्ट कहा कि हम आरोपियों को माफ नहीं करेंगे, उन्हें पकड़कर सजा देंगे। वहीं अमेरिका ने यह भी कहा कि 31 अगस्त तक सैनिकों की वापसी पर भी कायम है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि काबुल में हुए हमलों के लिए इस्लामी चरमपंथी जिम्मेदार हैं। हमले में मारे गए लागों की जान का बदला लेने का अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकल्प लिया और कहा कि हमलावरों को पकड़कर इसकी सजा देंगे। राष्ट्रपति ने कहा कि काबुल में हामिद करज़ई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और उसके पास एक होटल पर हुए भयावह हमले के पीछे आईएसआईएस-के का हाथ है। उन्होंने कहा कि इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं। हम यह भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे। मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा। बाइडन ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों को आईएसआईएस-के ठिकानों, नेतृत्व और सुविधाओं पर हमला करने की योजना तैयार करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि यह तालिबान के हित में है कि वह आईएसआईएस-के को अफगानिस्तान में और पैर ना पसारने दे। साथ ही उन्होंने कहा कि हवाईअड्डे पर हमले को अंजाम देने में तालिबान और आईएसआईएस की मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि वह 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले पर कायम हैं। बाइडन ने एक बार फिर दोहराया कि मेरा यह दृष्टिकोण कभी नहीं रहा है कि हमें अफगानिस्तान में लोकतांत्रिक सरकार स्थापित करने प्रयास में अमेरिकी लोगों के जीवन का बलिदान देना चाहिए, एक ऐसा देश जो अपने पूरे इतिहास में कभी भी संयुक्त देश नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि 20 वर्षों से चले आ रहे युद्ध को खत्म करने का समय आ गया है।