जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कराने पूरी ताकत लगा देंगे: राहुल

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नई दिल्ली। देव

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा नीत केंद्र सरकार विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं करती तो इंडिया गठबंधन संसद के भीतर अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल करेगा और सड़क पर भी उतरकर आंदोलन करेगा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल ने जम्मू में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को 2019 में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर प्रदेश के लोगों के साथ बड़ा अन्याय किया गया था। जम्मू- कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए काम करने का संकल्प दोहराते हुए राहुल ने कहा, भारत के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ कि हमने किसी राज्य का दर्जा छीना हो और उस राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया हो। उन्होंने कहा, ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था और मैं आपको गारंटी देता हूं कि अगर भाजपा (चुनाव के बाद) राज्य का दर्जा बहाल नहीं करती, तो हम (इंडिया गठबंधन) जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए लोकसभा, राज्यसभा में अपनी पूरी ताकत लगा देंगे। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल के माध्यम से ‘बाहरी लोगों’ को फायदा पहुंचाने के लिए जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीना गया। राहुल ने भाजपा सरकार और राज्यपाल पर जम्मू की रीढ़ तोड़ने का आरोप लगाया। पिछले तीन सप्ताह में राहुल का जम्मू-कश्मीर का यहा तीसरा दौरा है।
सभा को संबोधित करते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब तक उपराज्यपाल हैं, बाहरी लोगों को फायदा मिलेगा और स्थानीय लोगों को नजरअंदाज किया जाता रहेगा। यही वजह है कि जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीना गया। वे चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को बाहरी लोग चलाएं, न कि स्थानीय लोग। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि राज्य का दर्जा बहाल होना आपका अधिकार और आपका भविष्य है तथा जम्मू कश्मीर इसके बगैर आगे नहीं बढ़ सकता। राहुल ने कहा, देश के बाकी हिस्सों में भी लघु और मध्यम उद्योगों पर व्यवस्थागत हमला किया गया। उन्होंने कहा, यह सरकार अडानी-अंबानी के लिए काम करती है। उनके लिए रास्ता बनाने के वास्ते जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदम उठाए गए। उन्होंने सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल की भी आलोचना करते हुए इसे ‘मेक इन अडानी’ कार्यक्रम बताया और दावा किया कि इस नीति के तहत सभी ठेके कारोबारी समूह अडानी को दिए जा रहे हैं।

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