क्या भारत के अल्पसंख्यक स्वीकार करेंगे उनके पूर्वज राम थेः योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इंडोनेशिया, जो दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, वहां के राष्ट्रपति अपने भारतीय डीएनए पर गर्व करते हैं। उनका नाम भी संस्कृत से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया में राम को पूर्वज माना जाता है, गरुड़ उनकी राष्ट्रीय एयरलाइंस है, गणपति उनकी मुद्रा पर हैं। भारत में रहकर, इस धरती का उपभोग करने वाली बड़ी आबादी, जो दुर्भाग्य से केवल वोट बैंक बनकर रह गई है, क्या वे स्वीकार कर पाएंगे कि उनके पूर्वज राम थे? मुख्मयंत्री ने कहा कि जिस अनुपात में हम उपचुनाव जीते हैं यानि 80 प्रतिशत सीट के साथ वैसे ही भारतीय जनता पार्टी आगामी 2027 विधानसभा चुनाव में भी सीटें जीतेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के एक होटल में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में सवालों के जवाब दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में देश और प्रदेश में चल रहे कई ज्वलंत मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। उन्होंने भारत के अल्पसंख्यकों, बिजली चोरी, वक्फ कानून, तुष्टिकरण की राजनीति और कुंभ 2025 की तैयारियों जैसे विषयों पर खुलकर बात की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने भारत के अल्पसंख्यकों को अपने पूर्वजों पर गर्व करने की सलाह दी। वक्फ कानून में बदलाव पर विपक्षी नेताओं द्वारा दी जा रही चेतावनियों पर मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि समय की जरूरत के अनुसार वक्फ कानून में बदलाव हो रहा है। मुझे खुशी है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने इस संशोधन पर काम किया है। उम्मीद है कि अगले सत्र में इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी बदलाव का उद्देश्य समाज में पारदर्शिता और न्याय को सुनिश्चित करना है। जैसे देश में सीएए लागू हुआ है वैसे ही वक्फ बिल में संशोधन के बाद इसे भी लागू कर दिया जाएगा। सीएए से आज हमारे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को देश में नागरिकता मिल रही है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में संभव हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ की कोई जमीन नहीं होती है, यह राजस्व की जमीन है। उत्तर प्रदेश में वक्फ ने एक लाख 27 हजार संपत्तियों पर अपना दावा किया था, जिसे हमने जांच कराया वह सिर्फ 7 हजार ही है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति राजस्व की होती है, वहां थाने बने या अन्य सार्वजनिक उपयोग या प्रशासनिक उपयोगी के भवन किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए और संभल में किसी ने आपत्ति भी नहीं की। संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर छिड़े विवाद पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में संभल का उल्लेख है। आईन-ए-अकबरी के अनुसार, मीर बाकी ने श्रीहरि का मंदिर तोड़कर वहां मस्जिद बनाई थी। उन्होंने कहा कि हम हर जगह मंदिर नहीं तलाश रहे हैं, लेकिन जहां ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद हैं, वहां सच को सामने लाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने ओवैसी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत के पौराणिक ग्रंथ हमारे सामने इस बात के प्रमाण हैं कि श्रीहरि विष्णु का 10वां अवतार कहां पैदा होना है। 3500 वर्ष से 5000 वर्ष के दौरान ग्रंथों की रचना हुई है। इस्लाम का जन्म हुए 1400 वर्ष हुए हैं, हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि पुराणों के बारे में हो सकता है कि ओवैसी या अन्य लोगों को भरोसा न हो, लेकिन कम से कम आइन-ए-अकबरी देखें। वह तो इस बात का उल्लेख कर रहा है और वहां पर जो कुछ भी उत्खनन में सामने आ रहा है, वह इस बात को प्रमाणित करता है कि वहां पर कोई पौराणिक नगरी थी। पुरातात्विक अवेशषों के आधार पर हम कह सकते हैं कि यह संभल नगरी वही है, जो पुराण उल्लेख करता है। परंपरागत लोगों की आस्था वहां पर है। अगर यह तमाम चीजें वहां पर सामने आ रही हैं तो मुझे लगता है कि उनको इस सच्चाई को स्वीकार करने की हिम्मत भी करनी चाहिए।

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