क्यों मंडरा रहा है यूरोप में साहसिक खेलों पर खतरा

स्पोर्ट्स

ब्रसेल्स। यूरोप में बर्फबारी की कमी से साहसिक खेल उद्योग पर खतरा मंडराने लगा है। वैश्विक तापमान अगर पूर्व-औद्योगिक स्तर से दो डिग्री सेल्सियस बढ़ गया तो यूरोप के प्रमुख 23 स्की रिसॉर्ट 53 फीसदी कम बर्फबारी का सामना करेंगे। इससे स्कीइंग खेल का अस्तित्व और 30 अरब डॉलर का उद्योग खत्म हो जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्की महासंघ (एफआईएस) के एक अध्ययन में ये चिंता जताई गई है।
एफआईएस ने बताया, क्रिसमस से दो दिन पहले आल्पस में बर्फबारी की भविष्यवाणी की गई थी, जिससे स्की के शौकीन लोग भारी संख्या में यहां ठहरे हुए थे। पर बर्फबारी की जगह बारिश और ओलावृष्टि ने लोगों को निराश कर दिया। ऐसा लगता है कि अब कोई भी उम्मीद आल्पस में स्कीइंग के अस्तित्व पर खतरे को दूर नहीं कर पाएगी। दुनिया का सबसे लोकप्रिय स्की गंतव्य खत्म हो जाएगा। फ्रांसीसी आल्पस के मोरिजोन और लेस गेट्स स्की रिजॉर्ट भी ऊंचे इलाकों से बर्फ लाकर स्की के लिए पहाड़ों पर बिछा रहे हैं। इसके लिए बर्फ को फैलानी वाली मशीनों को लगाया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यदि दुनिया में तापमान चार डिग्री तक बढ़ गया तो 98 फीसदी रिसॉर्ट पर ताला लग जाएगा। पिछले 600 वर्षों में आल्प्स में बर्फ के आवरण में अभूतपूर्व गिरावट आई है और आवरण की अवधि अब 36 दिन कम हो गई है। सिर्फ आल्पस में ही नहीं एशिया के स्की रिसॉर्ट में ये हाल देखने को मिल रहे हैं। हालांकि, उनको लेकर फिलहाल कोई अध्ययन नहीं हुआ है। एफआईएस ने कहा, हम अपने कार्बन उत्सर्जन को वर्ष 2030 तक 50 फीसदी तक कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। स्की रिजॉर्ट से इस संबंध में डाटा मांगा जा रहा है। हालांकि, ठंड से बचने के लिए बिजली और गैस का प्रयोग किया जाता है। पर अन्य कार्यों के लिए धुआं उड़ाते जेनरेटरों पर निर्भर हैं।

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