जब थर्राने लगी तुर्की और ईरान की धरती

अंतरराष्ट्रीय

नई दिल्ली। टीएलआई
रात नौ बजे जब पूर्वी तुर्की और ईरान की धरती थर्राने लगी तो अफरातफरी मच गई। लोगों की जुबान से बस एक ही बात निकली, बाहर भागो। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो यह दृश्य बड़ा ही डरावना था। रात को 6.8 तीव्रता वाले भूकंप ने 18 लोगों को जान ले ली। वहीं सैकड़ों इमारत क्षतिग्रस्त हो गए हैं।जिसमें
सैकड़ों लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।
शुक्रवार देर रात करीब नौ बजे पूर्वी तुर्की में आए भूकंप में 18 लोगों की मौत की सूचना है, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। शनिवार तड़के ढह गई इमारतों के मलबे में जीवित बचे लोगों की तलाश बचाव दल के कर्मचारी करते रहे। इस दैवी आपदा में अभी तक 30 लोगों के लापता होने की सूचना मिली है। तुर्की सरकार के गृह मंत्रालय ने भी 18 लोगों की मौत की पुष्टि की है। वहीं भूकंप में 500 से ज्यादा लोगों के घायल होने की सूचना है। भूकंप पीड़ितों को शरण देने के लिए खेल केंद्र, स्कूल और गेस्ट हाउसों को खोला गया है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्कैल पर 6.8 मापी गई है। भूकंप का केंद्र पूर्वी एलाजिग प्रांत के सिवराइस में था। वहीं पूर्वी तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने बयान जारी कर कहा कि प्रभावित लोगों की मदद के लिए सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। एर्दोआन ने टि्वटर पर लिखा है कि इस पीड़ा में हम आपके साथ हैं। भयकंर ठंड में भी दहशत में घर से बाहर निकले लोग सड़कों पर आग जलाकर ठंड से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

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