हल्द्वानी। अनीता रावत
तीन साल से फरार चल रहे 20 हजार के इनामी माओवादी भाष्कर पांडे को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। भाष्कर के खिलाफ धारी में सरकारी वाहन जलाने, नैनीसार में तोड़फोड़ और दीवारों पर नारे और पोस्टर लगाने के आरोप हैं। आरोपी इन दिनों दिल्ली किसान आंदोलन में घूम रहा था। इसके अलावा तीन साल से कुमाऊं के जंगलों और झारखंड के आदिवासी वाले क्षेत्रों में पुलिस से छिपकर शरण ले रहा था।
सोमवार को डीआईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने मामले का खुलासा करते हुए यह जानकारी दी। बताया कि माओवादी भास्कर पांडे के खिलाफ वर्ष 2017 में अल्मोड़ा और नैनीताल के लोक संपत्ति अधिनियम और विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत था। तीन मुकदमे में फरार चल रहा था। इसके ऊपर 50 हजार का इनाम बढ़ाने के लिए शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया था। बताया कि भाष्कर पांडे हल्द्वानी में राजेश जोकि कोरियर का काम करता है, उसे पेन ड्राइव तथा कुछ लिखित मैटेरियल देने के लिए हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास जा रहा था। यह माओवादी खीम सिंह बोरा का सबसे खास साथी माना जाता है, जिसे यूपी एसटीएफ ने पकड़ा था। आरोपी ने भारत में कई जगह माओवादी की ट्रेनिंग ली है। उसने अपने कई साथियों के साथ मिलकर यहां अपने क्रियाकलापों को अंजाम देने की कोशिश भी की थी। यह उत्तराखंड का आखिरी वांटेड माओवादी है। भास्कर पांडेय आरतौला जागेश्वर जिला अल्मोड़ा का रहने वाला है। आरोपी ने वर्ष 2017 के चुनाव में धारी तहसील की जीप जलाई थी। उत्कृष्ट कार्य के लिए पुलिस महानिदेशक ने टीम को 20 हजार का इनाम तथा मेडल की घोषणा की है।