हेग। नीदरलैंड के प्रमुख शहर हेग में रविवार को बाहरी देशों के शरणार्थियों को शरण देने के मुद्दे पर भारी हिंसा हुई। यहां प्रदर्शनकारियों ने आगजनी-पथराव भी किया, जिसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया, यहां स्थिति गंभीर लेकिन नियंत्रण में है।
प्रदर्शनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। दंगाईयों ने पुलिस वाहनों पर जमकर पथराव किया। मिली जानकारी के अनुसार, वह हथियारों से लैस थे। दंगाइयों ने पुलिस की दो गाड़ियों और एक टूर बस को आग के हवाले कर दिया। पुलिस कमांडर मैरिएल वैन वुल्पेन ने कहा, हिंसा अचानक से हुई हम वीडियो फुटेज की जांच कर रहे हैं और जल्द दंगाईयों को पकड़ लिया जाएगा। शहर के मेयर जान वैन जानेन ने कहा, पुलिस अधिकारियों और उपकरणों के खिलाफ हिंसा भयावह और अस्वीकार्य है। हेग नगर पालिका के प्रवक्ता रॉबिन मिडेल ने बताया कि शहर के एक स्थान पर अफ्रीकी देश इरिट्रिया की सरकार के प्रति वफादार समूह की मीटिंग हो रही थी। तभी आयोजन स्थल पर इरिट्रिया के कुछ लोगों ने हमला किया जो अफ्रीकी राष्ट्र की सरकार के विरोधी थे। पुलिस ने कहा, डेनहाग के फ्रूटवेग में इरिट्रिया के दो समूहों के बीच टकराव के बाद पथराव हुआ। फ्रूटवेग और आसपास के इलाके के लिए इमरजेंसी आदेश लागू किया गया है। यूरोप में शरणार्थियों को शरण देना एक सबसे बड़ी समस्या है। यहां के लोगों का कहना है कि प्रवासी यहां आकर उनके संसाधनों को हड़प करके शांति व्यवस्था बिगाड़ कर देश का माहौल खराब कर रहे हैं। ऐसे में सरकार को प्रवासी नीति बदलनी और सख्त करनी चाहिए। नीदरलैंड में हुए दंगे भी प्रवासियों के दो गुटों की झड़प के बाद भड़के। यहां के लोगों का कहना है कि उनके देश में जो बाहर से लोग घुस आए हैं वो उनके हिस्से की संपत्ति, जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। जिससे उनके लिए काफी मुश्किलें आ गई हैं।
एक रिपोर्ट की माने तो यूरोप में सबसे ज्यादा युद्ध प्रभावित क्षेत्रों से भागकर आए शरणार्थी रह रहे हैं। इनमें सीरिया, लीबिया, अफगानिस्तान, इरिट्रिया, नाइजीरिया के लोग शामिल हैं। वहीं कुछ रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि इजरायल-हमास और रूस-यूक्रेन युद्ध से डर कर भी लोग इन देशों ये यूरोपीय देशों में बस चुके हैं।