नई दिल्ली। टीएलआई
भगोड़े विजय माल्या को लंदन की अदालत ने सोमवार को दिवालिया घोषित कर दिया। ऐसे में अब भारतीय बैंकों के लिए विजय माल्या की संपत्ति विदेशों में जब्त कर ऋण वसूली का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि माल्या के वकील जल्द इस फैसले को चुनौती देने के लिए याचिका दाखिल करेंगे। ब्रिटेन भाग गए माल्या के खिलाफ ईडी और सीबीआई 9000 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी की जांच कर रही है। यह धोखाधड़ी माल्या की बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से जुड़ी है, जिसके लिए उसने कई बैंकों से करीब नौ हजार करोड़ रुपये के ऋण लिए थे। इस मामले में भगोड़े विजय माल्या के खिलाफ एसबीआई के नेतृत्व में 13 भारतीय बैंकों के एक संघ ने ब्रिटिश कोर्ट में याचिका दाखिल करके दिवालिया घोषित करने की मांग की थी। विजय माल्या पर भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ रुपये बकाया हैं। सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए दोपहर 3:42 बजे मुख्य दिवाला और कंपनी न्यायालय के न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान कहा कि भारतीय कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित करता हूं। भारतीय बैंक का प्रतिनिधित्व करने वाले लॉ फर्म टीएलटी एलएलपी और बैरिस्टर मार्सिया शेकरडेमियन ने भारतीय बैंकों के पक्ष में दिवालिया आदेश देने का अनुरोध किया था। माल्या के पास इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए अभी एक मौका बाकी है।