वाराणसी निवासी रिश्वतखोर सीईओ को तीन साल कैद की सजा

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हल्द्वानी। अल्मोड़ा में सात साल पहले एक जूनियर हाईस्कूल विद्यालय को मान्यता देने की एवज में रिश्वत लेते हुए पकड़े गए तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार सिंह को तीन साल कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नीलम रात्रा की अदालत ने 23 दिसंबर 2024 को अशोक कुमार सिंह को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई। उन्हें 25 हजार रुपये जुर्माने से भी दंडित किया है।
विजिलेंस के मुताबिक, 25 अप्रैल 2017 को नियाजगंज अल्मोड़ा निवासी रिजवानुर्रहमान ने मामले में शिकायत दी थी। आरोप लगाया था कि दोतलिया बनकट, वाराणसी, यूपी निवासी अशोक कुमार सिंह पुत्र इंद्रदेव सिंह वर्ष 2017 में अल्मोड़ा में मुख्य शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात थे। रिजवानुर्रहमान का नियाजगंज अल्मोड़ा में निजी स्कूल है। स्कूल को जूनियर हाईस्कूल करने के लिए उन्हें मान्यता की जरूरत थी। मान्यता प्राप्त करने के लिए वह तत्कालीन सीईओ एके सिंह से मिले। आरेाप लगाया कि एके सिंह मान्यता देने के लिए राजी हुए लेकिन इसके लिए उन्होंने 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। विजिलेंस की जांच में संबंधित शिकायत के तथ्य सही पाए गए और निरीक्षक पंकज उप्रेती के नेतृत्व में गठित ट्रैप टीम ने 28 अप्रैल 2017 को एके सिंह को 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। मामले की विवेचना निरीक्षक संजय पांडे ने की और आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। अभियोजन अधिकारी दीना रानी ने न्यायालय के समक्ष 13 गवाहों को पेश किया। बताया जा रहा है कि एके सिंह ऊधमसिंह नगर में भी मुख्य शिक्षा अधिकारी रह चुके हैं।

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