नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
मुंबई पुलिस ने यहां एक अदालत में कहा कि बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे और तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने क्रिकेट मैच पर सट्टा लगाने वालों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे काफी पैसे वसूल किए। वाझे के विरुद्ध गोरेगांव पुलिस थाने में उगाही का एक मामला दर्ज है।
बिल्डर और होटल व्यवसायी बिमल अग्रवाल की ओर से दायर शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने 01 नवंबर को वाझे को हिरासत में लिया था। इस मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह आरोपी हैं। वाझे को शनिवार को एक अदालत में पेश किया गया, क्योंकि उनकी हिरासत की अवधि समाप्त हो गई थी। पुलिस ने आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत मांगी, जिसे अदालत ने 13 नवंबर के लिए बढ़ा दिया।
पुलिस ने अदालत को बताया कि वाझे और परमबीर सिंह ने क्रिकेट मैच में सट्टा लगाने वालों को गिरफ्तार करने का डर दिखाकर उनसे ढेर सारे पैसे की उगाही की। अदालत को बताया गया कि यह कैसे किया गया, इसकी जांच की जानी है। अपराध शाखा ने यह भी कहा कि वे इसकी भी जांच करना चाहते हैं कि क्या वाझे ने सिंह के नाम पर किसी से पैसा लिया और उगाही के लिए सिंह के अलावा किसने उसकी मदद की। अपराध शाखा ने कहा कि वह इसका पता लगाना चाहती है कि उगाही का धन किससे लिया गया और किसको दिया गया। पुलिस ने कहा कि अपराध शाखा इसकी जांच भी करना चाहती है कि आरोपी ने इस प्रकार और कितने अपराध किए।
अदालत में पुलिस ने कहा कि वाझे परमबीर सिंह का करीबी है और अपराध शाखा उससे सिंह के बारे में पूछताछ करना चाहती है। पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता (अग्रवाल) की आवाज के नमूने फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए गए हैं। अदालत को बताया गया कि उगाही के तौर पर शिकायतकर्ता द्वारा सचिन वाझे को दिए गए मोबाइल फोन को भी जब्त किया गया है। अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि उसके बार और रेस्तरां पर छापा न पड़े, इसके लिए उससे नौ लाख रुपये की मांग की गई थी और 2.92 लाख रुपये के मोबाइल फोन मांगे गए थे। पुलिस के अनुसार घटना जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच हुई थी।