देहरादून। अनीता रावत
उत्तराखंड के लोगों ने शनिवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने 2 अक्तूबर को काले दिवस के रूप में मनाया और वर्ष 1994 को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा की घटना के दोषियों को 27 साल बाद भी सजा न मिलने पर अपना विरोध जताया। उत्तरांखड आंदोलनकारी संगठनों की समन्वय समिति के बैनर तले इस प्रदर्शन का आयोजन हुआ था। समिति की तरफ से राष्ट्रपति के नाम दोषियों को सजा देने की मांग वाला ज्ञापन भी सौंपा गया।
समिति के संयोजक देव सिंह रावत ने बताया कि उस 2 अक्तूबर 1994 को अलग उत्तराखंड राज्य की मांग को लेकर आंदोलनकारी दिल्ली की ओर आ रहे थे, लेकिन इस बीच मुजफ्फरनगर में आंदोलनकारियों के साथ बर्बरतापूर्ण घटना हुई। उसी के विरोध में शनिवार को उत्तराखंड के लोग जंतर-मंतर पर विरोध दर्ज कराने आए। उन्होंने बताया कि इस घटना में शामिल जिन लोगों को कोर्ट और सीबीआई ने दोषी ठहराया था उन्हें आज तक कोई सजा नहीं मिली है।