वाशिंगटन।
पाकिस्तान के खिलाफ पाकिस्तानियों ने ही अमेरिका में हुंकार भरी है। रविवार को पाकिस्तान पर मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया और एक कार रैली निकाली। इस प्रदर्शन में प्रवासी बलोच, सिंधी और अफगान समुदाय के सदस्यों के साथ बांग्लादेशी और गिलगिट बाल्टिस्तान के शरणार्थी भी शामिल थे।
अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास के सामने ‘बेनकाब पाकिस्तान अभियान समिति’ ने प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में बलोच राष्ट्रीय आंदोलन, पश्तून तहाफुज आंदोलन-यूएसए, जिय सिंध आजादी आंदोलन, बांग्लादेशी अल्पसंख्यक,कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान के साथ मानवाधिकार कांग्रेस भी हिस्सा हैं। इस दौरान बलोच राष्ट्रीय आंदोलन के नबी बख्श बलोच ने शनिवार को हुए प्रदर्शन के दौरान बताया कि पाकिस्तान से सभी उत्पीड़ित समुदाय पाकिस्तान द्वारा मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय और अमेरिका से पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। वहीं समिति की ओर से कहा गया है कि 14 अगस्त आजादी का दिन नहीं है बल्कि वह दिन है जब पाकिस्तान ने बलोचिस्तान और गिलगिट-बाल्टिस्तान पर कब्जा कर लिया था। यह वह दिन है जब सिंध में सांस्कृतिक नरसंहार और नस्ली इंजीनियरिंग की शुरुआत हुई थी। यह वह दिन है जब पश्तूनों और अफगानों की सांस्कृतिक पहचान को नष्ट करने के लिए उनपर इस्लामी आतंकवाद थोपा गया था। उन्होंने कहा कि यह वह दिन है जब हिंदू नागरिकों ने अपनी धार्मिक स्वतंत्रता एवं जिंदगी का अधिकार खो दिया। इस प्रदर्शन का आयोजन पाकिस्तान की क्रूर घरेलू एवं विदेश नीते से सीधे तौर पर प्रभावित लोगों ने किया है। प्रतिभागियों ने कहा कि पाकिस्तान खुले तौर पर तालिबान को आर्थिक मदद दे रहा है जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल है।