वाशिंगटन।
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कथित अमेरिका-विरोधी नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना से जुड़े लोगों और पोतों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने रूस पर दबाव बनाए रखने के लिए यह प्रतिबंध लगाए हैं।अमेरिका ने प्रतिबंध के जरिए नॉर्ड स्ट्रीम 2 परियोजना के निर्माण को धीमा करने या रोकने की असफल कोशिश की है, जिससे रूसी गैस को जर्मनी तक पहुंचाया जाएगा। अमेरिका को डर है कि इस ऊर्जा परियोजना का फायदा उठाकर रूस की यूरोप में पहुंच बढ़ सकती है। रूस नियंत्रित ‘गजप्रोम’ पाइपलाइन की मालिकाना कंपनी है, जिसमें कई यूरोपीय कम्पनियों ने भी निवेश किया है। परियोजना में जर्मन हितों पर अमेरिकी प्रतिबंध लगाए बिना, पाइपलाइन को पूरा करने की अनुमति देने के लिए अमेरिका ने पिछली गर्मियों में नाटो के एक प्रमुख सहयोगी जर्मनी के साथ समझौता किया था। सोमवार को की गई घोषणा में ‘ट्रांसएड्रिया लिमिटेड’ और उसके एक पोत को लक्षित किया गया है, जिसने नॉर्ड स्ट्रीम के लिए काम किया। अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने अब तक पाइपलाइन से जुड़े आठ लोगों और 17 पोतों पर प्रतिबंध लगाए हैं। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का कहना है कि जर्मन नियामकों के नई पाइपलाइन का परिचालन शुरू करने की अनुमति देने के बाद देश यूरोपीय संघ में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को तेजी से बढ़ा सकता है।