संयुक्त राष्ट्र।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि हम एक ओर शीत युद्ध नहीं चाहते जिसमें दुनिया विभाजित हो। क्योंकि हम सभी अपनी असफलताओं के नतीजे भुगत चुके हैं। बाइडन ने यह बात राष्ट्रपति बनने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने पहले संबोधन में कही। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका अब वह देश नहीं रहा जिस पर 20 साल पहले 9/11 को हमला हुआ था। उन्होंने कहा कि आज हम ज्यादा ताकतवर और आतंकवाद की चुनौतियों के लिए तैयार हैं।
बाइडन ने इशारों-इशारों में चीन और रूस के साथ बढ़ते तनाव को कम करने का भी संदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कोरोना वायरस, आतंकवाद, अफगानिस्तान, ईरान पर भी अपने रुख को स्पष्ट किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि अमेरिकी ऐसे किसी भी देश के साथ काम करने के लिए तैयार है जो शांतिपूर्ण प्रस्तावों का अनुसरण करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैन्य शक्ति हमारे अंतिम उपाय का साधन होनी चाहिए पहली नहीं। इस दौरान उन्होंने कोविड-19 से दुनिया के सामने उत्पन्न चुनौती और नुकसान का उल्लेख भी किया। उन्होंने साथ ही प्रतिभागियों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे का समाधान करने की अपील भी की। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर बने क्वाड को लेकर बाइडन ने कहा कि हमने स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, उभरती प्रौद्योगिकियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए क्वाड साझेदारी को बढ़ाया है। अफगानिस्तान को फोकस करते हुए बाइडन ने कहा कि आज हम आतंकवाद के खतरे का सामना कर रहे हैं। हमने अफगानिस्तान में 20 साल से चल रहे संघर्ष को खत्म कर दिया है और हम कूटनीति के दरवाजे खोल रहे हैं। बाइडन ने कहा कि कोरोना महामारी को हथियार से नहीं हराया जा सकता। लेकिन विज्ञान और राजनीतिक इच्छाशक्ति इसे हम खत्म कर सकते हैं। दुनिया भर में लोगों की जान बचाने के लिए इलाज तक पहुंच का विस्तार करना है। इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस से मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि बड़ी पीड़ा और असाधारण संभावनाओं के इस समय में हमने बहुत कुछ खोया है।