नई दिल्ली। उच्च शिक्षा संस्थानों में सवर्ण आरक्षण इसी साल से लागू होगा। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए संस्थानों में 25 फीसदी सीटें बढ़ाने की तैयारी है। हालांकि एम्स और केंद्रीय सरकार मेडिकल कॉलेजों में भी आरक्षण लागू करने के लिए सीटें बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय अलग से निर्देश जारी करेगा। इसी प्रकार कपड़ा, कृषि,विदेश, वाणिज्य, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जहाजरानी आदि मंत्रालय अलग से दिशा-निर्देश जारी करेंगे।
मिली जानकारी के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रालय, यूजीसी और एआईसीटीई के अधिकारियों की बैठक में इसी साल से सवर्ण आरक्षण देने का फैसला किया गया। इसके लिए सभी उच्च शिक्षा संस्थानों में करीब 25 फीसदी सीटें बढ़ाई जाएंगी। जावड़ेकर ने बताया कि देश के 40 हजार कॉलेजों एवं 900 विश्वविद्यालयों में गरीब सवर्णों को आरक्षण इसी साल से लागू कर दिया जाएगा। एक सप्ताह में इसे लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, यूजीसी व एआईसीटीई आदेश जारी कर देंगे। आदेश जारी करने के बाद यूजीसी और एआईसीटीई अपने अंतर्गत आने वाले संस्थानों को इसकी सूचना देंगे। उच्च शिक्षा संस्थानों की ओर से जारी किए जाने वाले प्रॉस्पेक्टस में इस आरक्षण के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। जावड़ेकर ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आरक्षण निजी उच्च शिक्षा संस्थानों पर भी लागू होगा। उन्होंने कहा कि इस आरक्षण से किसी अन्य श्रेणी के लोगों के लिए सीटों में कमी न हो, इसलिए हमने इसे सीटों की संख्या को बढ़ाकर लागू करने का फैसला किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि इसके लिए हमें सभी संस्थानों में तकरीबन 25 फीसदी सीटों की बढ़ोतरी करनी पड़ेगी। इनमें ट्रिपल आईटी, केंद्रीय िवश्विवद्यालय, इंडियन ऑफ साइंस एंड एजुकेशन समेत तमाम संस्थान हैं।