पौड़ी/बीरोंखाल।अनीता रावत
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने पिता के अंतिम संस्कार में नहीं गए। योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का अंतिम संस्कार पैतृक गांव के फूलचट्टी श्मशान घाट पर किया गया। आनंद सिंह की चिता को मुखाग्नि उनके छोटे बेटे महेन्द्र सिंह दी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अंतिम संस्कार में उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल समेत कई मंत्री और अधिकारी शामिल हुए।
स्व. आनंद सिंह बिष्ट का अंतिम संस्कार पौड़ी के फूलचट्टी गंगातट पर किया गया। छोटे बेटे महेन्द्र सिंह बिष्ट ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने फूलचट्टी गंगातट पर समाजसेवी स्व.आनंद सिंह बिष्ट के अंतिम संस्कार में शामिल होकर पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि स्व. आनंद सिंह जैसे समाजसेवी की कमी प्रदेश को हमेशा खलेगी। वहीं सोशल डिस्टिंग का पालन करते हुए हजारों लोग अंतिम दर्शन में पहुंचे। इसके अलावा प्रदेश में भाजपाइयों के साथ ही सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पौड़ी, कोटद्वार, दुगड्डा, सतपुली, लैंसडाउन, पौखड़ा, श्रीनगर, रिखणीखाल, वेदीखाल, धुमाकोट, जड़ाऊखांद, मरचूला, बिनसर महादेव, नैनी डांडा, बैंजरो, पाबो, रसिया महादेव, मैठाणाघाट,बीरोंखाल आदि जगहों पर भाजपाइयों के साथ सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट को श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपाइयों ने शोक सभा कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस मौके पर भाजपा के नेता मनवर सिंह रावत, आशंबर सिंह रावत, पुष्कर सिंह रावत, चमन सिंह, सोहन सिंह, पीतांबर सिंह, चंदन सिंह, शैतान सिंह, आनंद सिंह, महानंद सिंह आदि ने शोक संवेदना व्यक्त की और शोकाकुल परिवार को इस दुखी की घड़ी में सहनशक्ति देने की कृपा ईश्वर से की है। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस की की महामारी से पूरा देश सकते में है। इस कठिन परिस्थियों में यूपी की जनता की सेवा को सर्वोच्च वरीयता देते हुए मैंने अपने पिताजी के अंतिम संस्कार में सम्मिलित न होने का निर्णय लिया है।मुख्यमंत्री निवास पांच कालीदास मार्ग पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में उन्होंने कहा कि उनके पूर्वाश्रम के जन्मदाता श्रद्धेय आनंद सिंह बिष्ट ने उन्हें ईमानदार, कठोर परिश्रम, निस्वार्थ भाव से काम करने के संस्कार बचपन में दिए।