हल्द्वानी। अनीता रावत
नमामि गंगा परियोजना के तहत उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग की ओर से बुधवार को ‘भारत में जल-आधारित पर्यटन के उभरते अवसर : गंगा नदी के विशेष संदर्भ में’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया। अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने कहा कि गंगा नदी मोक्ष देने वाली है। गंगा का उद्गम उत्तराखंड राज्य से ही है। कहा कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए यूओयू द्वारा जल्द ही सर्टिफिकेट कोर्स की शुरुआत की जाएगी।
कार्यक्रम के संयोजक एवं निदेशक प्रोफेसर आरसी मिश्र ने कहा कि विकास जरूरी है, लेकिन उस पर नियंत्रण होना भी आवश्यक है। मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र, हरियाणा के पर्यटन विभाग की प्रो. मंजुला चौधरी ने कहा कि गंगा नदी को पवित्र बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। गंगा जीवन का आधार है और जब हम इसे पवित्र रख पाएंगे, तभी पर्यटन की भी अपार संभावनाओं का लाभ प्राप्त हो पाएगा। मुख्य वक्ता पांडिचेरी विश्वविद्यालय के पर्यटन अध्ययन विभाग के प्रो. संपद केएस ने वेबिनार के विषय को लेकर विस्तृत समीक्षा की। साथ ही एचएनबीजीयू श्रीनगर के पर्वतीय पर्यटन केंद्र के निदेशक प्रो. एसके गुप्ता ने गंगा को विश्व की धरोहर बताया। जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली के पर्यटन विभाग के प्रो. निमित चौधरी ने कहा कि गंगा का आर्थिक परिप्रेक्ष्य में भी बहुत महत्व है। यह न केवल मानव के लिए उपयोगी है, बल्कि उन जीव-जंतुओं के लिए भी प्राण रक्षक है, जो इसी पर आधारित हैं। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. अखिलेश सिंह, डॉ. हरीश जोशी, कुलसचिव डॉ. एचएस नयाल आदि मौजूद रहे।