नई दिल्ली। टीएलआई
जम्मू-कश्मीर के पुंछ और राजौरी शनिवार को जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) समेत दो और सैनिक शहीद हो गए। छह दिनों से पुंछ के सुरनकोट के जंगल में चल रहे तलाशी अभियान के तहत नौ जांबाज शहीद हो चुके हैं। बाद में यह अभियान पुंछ के मेंढर और राजौरी के थानामंडी तक फैल गया।
जम्मू-कश्मीर में सेना के सात जवानों की हत्या करने में लिप्त आतंकवादियों का पता लगाने के लिए पुंछ और राजौरी जिलों के वन्य क्षेत्रों में 11 अक्तूबर से सेना सघन तलाशी अभियान चला रही है। अधिकारियों ने बताया कि एक जेसीओ और एक जवान का शव मेंढर के नार खास वन क्षेत्र में उस स्थान के पास से मिले जहां गुरुवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में जान गंवाने वाले जवानों की संख्या अब बढ़कर चार हो गई है। इससे पहले राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह की नार खास वन में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद होने की पुष्टि हुई थी। नेगी और सिंह दोनों उत्तराखंड के थे। अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 11 अक्तूबर को एक जेसीओ समेत सेना के पांच जवान उस वक्त शहीद हो गए जब आतंकवादियों ने पुंछ के सुरनकोट वन में सेना के एक गश्ती दल पर हमला कर दिया था। उसी दिन राजौरी के थानामंडी जंगल में फरार आतंकवादियों और सेना के तलाश दल के बीच मुठभेड़ हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि मेंढर से थानामंडी तक के पूरे वन क्षेत्र की कड़ी घेराबंदी कर दी गई है और आतंकवादियों का पता लगाने के लिए व्यापक तलाशी अभियान चलाया गया है। आतंकवादी घेराबंदी से बचने की कोशिश में एक जगह से दूसरी जगह जा रहे हैं। राजौरी-पुंछ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक विवेक गुप्ता ने मंगलवार को बताया था कि पुंछ में सुरक्षाबलों पर हमले में शामिल आतंकवादी पिछले दो से तीन महीनों से इलाके में मौजूद थे।