लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
कोर्ट ने तीन बालिकाओं की गोली मारकर हत्या करने वाले दो दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। मामला 2002 का है। यही नहीं इस मामले में निर्दोष पिता को ही हत्यारोपी बताकर गिरफ्तार करने वाले विवेचक और उस वक्त की प्रधान के पति के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है।शाहजहांपुर जिले के निगोही ब्लाक के जेबां मुकुंदपुर गांव के अवधेश कुमार के घर पर 15 अक्तूबर 2002 की रात में हमला हुआ था। हमलावर एक मुकदमे में गवाह अवधेश को मारने आए थे, वह लगातार फायरिंग करते रहे। इस दौरान अवधेश तो जान बचाने को भाग निकला, पर मच्छरदानी में सो रही अवधेश की तीन बेटियों रोहिणी, नीता और सुरभि को गोलियां लग गईं। दो बेटी मौके पर ही मर गईं, तीसरी बेटी की मौत अस्पताल ले जाते वक्त हो गई। इस मामले में अवधेश कुमार ने गांव के ही अपने सगे चचेरे भाई छुटकन्नू, राजेंद्र, नरवेश के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया।उस वक्त निगोही थाने के प्रभारी होशियार सिंह ने गांव के प्रधान दिनेश से मिलकर उल्टा अवधेश को ही बेटियों की हत्या का आरोपी बताकर गिरफ्तार कर लिया। अवधेश को जेल भेज दिया गया। दो माह के बाद अवधेश जेल से बाहर आया। इसके बाद कोर्ट में मुकदमा ट्रायल पर आया। गवाही हुई। गवाहों के बयानों के आधार पर कोर्ट ने मामले में राजेंद्र और नरवेश को अवधेश की तीन बेटियों की हत्या का दोषी पाया और दोनों को फांसी की सजा सुनाई। दौरान ए मुकदमा छुटकन्नू की गांव के ही कुछ अन्य लोगों ने हत्या कर दी थी। इस मामले में विवेचक होशियार सिंह और उस वक्त के प्रधानपति दिनेश को भी दोषी पाते हुए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। दोनों हत्याभियुक्त राजेंद्र और नरवेश इस वक्त जेल में हैं। केस की विवेचना करने वाले होशियार सिंह के बारे में अभी पता नहीं है कि वह कहां हैं।