10 फीसदी आरक्षण के लिए शिक्षण संस्थानों में बढ़ेंगी दो लाख सीटें

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नई दिल्ली। नीलू सिंह

लोकसभा चुनाव के लिए जारी आचार संहिता के बीच केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण देने के मकसद से 2 लाख 15 हजार नई सीटें बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई। हालांकि मौजूदा चुनाव आचार संहिता के बीच कैबिनेट के इस फैसले से सियासी विवाद की संभावना है।

मिली जानकारी के अनुसार आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण देने को लेकर केंद्रीय कैबिनेट ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई कैबिनेट की बैठक में 158 केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण कोटा को लागू करने के मकसद से 2 लाख 15 हजार नई सीटें बढ़ाने को मंजूरी दे दी गई। इसके क्रियान्वयन के लिए 4315.15 करोड़ रुपये के फंड को भी हरी झंडी मिल गई है। बताया जा रहा है कि फैसले के साथ ही हर 20 छात्रों के लिए एक शिक्षक की बहाली की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इस फैसले से 158 केंद्रीय संस्थानों में 2,14,766 अतिरिक्त सीटें बढ़ाने का रास्ता साफ हो गया है। इनमें वित्त वर्ष 2019-20 में 1,19,983 सीटें और बाकी 95,783 सीटें 2020-21 में बढ़ाई जाएंगी। इतना ही नहीं, 4315.15 करोड़ रुपये नए छात्रों की मूलभूत सुविधाओं और नए शिक्षकों की बहाली पर खर्च होंगे। वहीं इस फैसले को अचार संहिता के बीच में करने पर सरकार ने सफाई दी है।मोदी सरकार का कहना है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने इस मसौदे को कैबिनेट के पास भेजने से पहले चुनाव आयोग की मंजूरी ले ली थी। इस फंड को आयोग ने आचार संहिता लागू होने के पहले ही मंजूरी दे दी थी। आज हुई कैबिनेट की बैठक में इसे सिर्फ अमली जामा पहनाया गया है। लिहाजा इसे आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना जा सकता है। 

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