नई दिल्ली । अर्पणा पांडेय
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी से विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश की। नाश्ते पर राहुल के साथ हुई विपक्षी दलों की बैठक में तय किया गया कि वह एकजुट होकर साझा रणनीति पर तय करेगें। नाश्ते के बाद राहुल गांधी सहित विपक्ष के कई नेता महंगाई के विरोध में साइकिल पर संसद पहुंचे। इस दौरान राहुल ने कहा कि पेगासस जासूसी, किसान आंदोलन और महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष सरकार से समझौता करने के हक में नहीं है।
राहुल गांधी की तरफ से दी गई नाश्ते की दावत पर कांग्रेस तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी, शिवसेना, राजद, सपा, सीपीएम, सीपीआई, आईयूएमएल, आरएसपी, केसीएम, जेएमए, नेशनल कांफ्रेस और एलजेडी के नेता कांस्टीट्यूशन क्लब पहुंचे। नाश्ते की हुई इस बैठक में बसपा और आम आदमी पार्टी को भी आमंत्रित किया गया है। पर यह दोनों पार्टियां बैठक में शामिल नहीं हुई। बैठक में राहुल गांधी ने विपक्षी एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी आवाज जितनी एकजुट होगी, उतनी ही शक्तिशाली होगी। भाजपा और आरएसएस इसे दबाना मुश्किल होगा। इसलिए, हमें एकजुटता की बुनियाद को याद रखना चाहिए। दूसरे विपक्षी दलों के नेताओं ने भी राहुल गांधी की बात से सहमति जताते हुए कहा कि विपक्षी एकजुटता जरूरी है। इसके बाद राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेता साइकिल पर संसद के लिए रवाना हुए। उन्होंने अपने हाथों में मंहगाई के खिलाफ पोस्टर भी ले रखे थे। दरअसल, संसद सत्र के दौरान अमूमन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विपक्षी दलों के नेता के साथ बैठक कर सभी दलों को एकजुट करती थी। पर इस बार यह जिम्मेदारी राहुल गांधी निभा रहे हैं। समान सोच वाली विपक्षी पार्टियों के साथ राहुल गांधी की यह तीसरी बैठक है।