नई दिल्ली। टीएलआई
कोरोना को हराने के लिए हिंदुस्तान ने जो जज्बा दिखाया, वह शायद ही किसी देश ने दिखाया। प्रधानमंत्री की अपील पर जनता ने खुद को अपने घरों में कैद कर लिया है। जहां कल शाम तक हजारों की भीड़ थी आज वहां सन्नाटा पसरा है। श्माशान में भी चिताओं की चित्कार कम ही दिखाई दे रही है। दिल्ली, मुंबई, यूपी, बिहार, बंगाल समेत सभी राज्यों में नजारा एक सा ही है। हालांकि बीच बीच में पुलिस की गाड़ियां सन्नाटे को तोड़ती हुई लोगों से घरों में ही रहने की अपील करती नजर आई।
कोरोना से आज पूरा विश्व ग्रसित हो गया है। वहीं भारत में भी कोरोना ने पांव फैलाना शुरू कर दिया है। कोरोना का कहर 22 राज्यों में फैल चुका है। सर्वाधिक संकट महाराष्ट्र और दिल्ली में है। भारत में संक्रमित लोगों की संख्या तीन सौ के पार पुहुंच गया है। वहीं मरने वालों की संख्या भी छह हो गई है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने जनता कफ्र्यू की अपील की थी। इस अपील को देशवासियों ने समर्थन देकर इतिहास रच दिया है। जनता कफ्र्यू से कोरोना को काफी हद तक फैलने से रोका जा सकता है। रविवार सुबह से ही सड़के वीरान हो गई। गंगा घाट से लेकर मॉल और बाजार तक इक्के दुक्के लोग ही नजर आए। शासन प्रशासन की ओर से भी इसके लिए पूरी तैयारी की गई थी। उत्तरप्रदेश के लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज समेत सभी जिलों में जनता कफ्र्यू पूरी तरह सफल रहा। वहीं उत्तराखंड के देहराूदन, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल में भी सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। यही हाल बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात समेत सभी राज्यों में देखने को मिला।
वहीं रेलवे और रोडवेज ने भी जनता कफ्र्यू को पूरी तरह सफल बनाने के लिए परिचालन को ठप कर दिया है। 31 मार्च तक पैंसेंजर ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। वहीं रविवार को सारी ट्रेनों को रोक दिया गया। इतिहास मे यह पहला मौका है जब रेलवे के पहिए पूरी तरह थम गए हों।