पौड़ी/रामनगर। अनीता रावत
कोरोना वायरस के डर से लोग घरों में कैद हो गए हैं। वहीं जानवर सड़कों पर नजर आने लगे हैं। कहीं बाघ तो कहीं तेंदुआ, और तो और वन क्षेत्र के आस पास के कार्यालयों में चाहरदीवारी पर मोर भी बैठे साफ नजर आ रहे हैं।
कोरोना वरायस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पूरे देश मे लॉक डाउन लागू हो गया है। लॉक डाउन में लोग घरों से बाहर न निकलें इसके लिए पुलिस का पहरा भी है। सड़कों पर वाहन कभी कभार ही दिखते हैं। सामान्य तौर पर सन्नटा ही पसरा रहता है। वहीं खेत, खलिहानों, और खुले मैदानों, कार्यालयों में भी सन्नटा पसरा हुआ है। ऐसे में जानवरों को आजादी मिल गई है। वाहनों के शोर से जंगल से बाहर नहीं निकलने वाले जानवर अब निश्चिन्त भाव से सड़कों पर बैठ कर आराम फरमा रहे हैं। वहीं कुछ खेतों खलिहानों का सैर कर रहे हैं। ऐसे ही वाकया उत्तराखंड के रामनगर, हरिद्वार, उत्तर प्रदेश के गाजीपुर, मिर्जापुर और सोनभद्र में देखने को मिला।
उत्तराखंड के रामनगर क्षेत्र में जिम कार्बेट पार्क स्थित मार्ग पर चार बाघ बुधवार को आराम फरमाते नजर आए। इससे वाहन चालकों और सवारियों को काफी देर तक खड़े रहना पड़ा। काफी देर तक सवारी और वाहन चालक बाघों के जाने का इंतजार करते रहे। हालांकि कई सवारियों ने पहले बाघों को जाने की बात कही, उसके बाद ही ड्राइवर को आगे बढ़ने के लिए सलाह दी, जब तक सड़क पर बाघ बैठे रहे तब तक वाहन चालकों और सवारियों में दहशत बनी रही। इसके बाद सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लाइन लग गई। काफी देर बाद चारों बाघ वहां से उठकर जंगल की ओर चले गए उसके बाद वाहन चालकों और सवारियों ने राहत की सांस ली और आगे बढ़े।
उधर उत्तरप्रदेश के गाजीपुर में खेतों में तेंदुओं की धमक से गेहूं की कटाई कर रहे किसानों में हड़कंप मच गया। आननफानन में किसानों ने वन विभाग की टीम को सूचना दी गई। किसानों की भीड़ को देखते हुए तेंदुए ने हमला भी कर दिया। तेंदुए के हमले में पांच किसान घायल हो गए। दूसरे दिन गोरखपुर से पहुंची टीम ने जाल लगाकर तेंदुए को खेत में पकड़ लिया। काफी मशक्कत के बाद उसे ट्रैंक्यूलाइज कर पिंजड़े में कैद किया जा सका। वहीं हरिद्वार के राजाजी पार्क से भी कुछ हाथी सड़कों पर आ गए। सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम ने हाथियों को खदेड़ कर जंगल में पहुंचाया। इसी तरह की घटना मिर्जापुर और सोनभद्र में भी देखने को मिली। मिर्जापुर में आए दिन कार्यालयों के बाहर मोर घुमते नजर आ जाते हैं। कार्यालयों में सन्नाटा होने के कारण मोर जंगल से भटकते हुए आ जा रहे हैँ। सोनभद्र में भी नीलगाय अक्सर रात को सड़कों पर घुमते नजर आ जा रहे हैं।