नई दिल्ली। नीलू सिंह
सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश में कथित मुठभेड़ों और इसमे लोगों के मारे जाने की घटनाओं की जांच कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में अदालत की निगरानी में सीबीआई या विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की गई है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की पीठ ने सोमवार को रिकॉर्ड में उपलब्ध सामग्री के अवलोकन के बाद कहा कि पीयूसीएल की याचिका में उठाए गए मुद्दों पर गंभीरता से विचार की आवश्यकता है। पीठ इस मामले पर 12 फरवरी को सुनवाई करेगी। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने हालांकि दावा किया कि राज्य प्रशासन ने सभी मानदंडों और प्रक्रियाओं का पालन किया है।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने इस संगठन की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा था। इस संगठन ने अपनी याचिका में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) आनंद कुमार के हवाले से प्रकाशित खबरों का जिक्र किया है, जिनमें राज्य में अपराधियों को मारने के लिए मुठभेड़ों को न्यायोचित ठहराया गया है। याचिका में इन सभी मुठभेड़ों की केंद्रीय जांच ब्यूरो या विशेष जांच दल जैसी एजेंसी से जांच कराने का अनुरोध किया गया है।