हल्द्वानी। अनीता रावत
शारदीय नवरात्रों में माता के दर्शन को पूर्णागिरि धाम आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना के लिए रैंडम जांच की जाएगी। आरटीपीसीआर जांच की निर्धारित समयावधि की नेगेटिव रिपोर्ट और संपूर्ण वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र साथ लाना भी अनिवार्य होगा। हालांकि कुछ दिनों में बैठक के बाद कोरोना गाइडलाइन पर गंभीरता से चर्चा की जाएगी।
करीब डेढ़ सप्ताह बाद शारदीय नवरात्र शुरू होने वाले हैं। ऐसे में पूर्णागिरि माता के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की कोरोना से सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर है। तीसरी लहर की आशंका जता रहे स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है कि अक्तूबर तक बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें। ऐसे में स्थानीय प्रशासन मां पूर्णागिरि के दर्शन को आने वाले भक्तों की बनबसा के जगबुड़ा पुल पर रैंडम जांच कराएगा। जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सीमा पर तैनात की जाएगी। उन्हीं भक्तों को माता के दर्शन के लिए आने दिया जाएगा जिनके पास आरटीपीसीआर की निश्चित समयावधि की नेगेटिव रिपोर्ट होगी और टीके की दोनों डोज लगाने का प्रमाण पत्र होगा। नवरात्र से पूर्व मंदिर समिति और प्रशासन समन्वय बैठक करेंगे, जिसके बाद गाइडलाइन पर गहन चर्चा होगी। प्रशासन के अनुसार, मंदिर परिसर में भी प्रत्येक श्रद्धालु की थर्मल स्कैनिंग की जाएगी और संदिग्ध पाये जाने पर उन्हें वापस कर दिया जाएगा। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए प्रशासन कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहता है।जगबुड़ा पुल चम्पावत जिले की सीमा है। यहां से नेपाल के नागरिकों समेत यूपी के अलावा अन्य राज्यों के लोगों का आवागमन होता है। नवरात्र के दौरान नेपाल के अलावा यूपी, बिहार, दिल्ली, पंजाब समेत देश के अन्य राज्यों से होकर श्रद्धालु मां पूर्णागिरि के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं।