नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच समझौते के बाद पूर्वी लद्दाख में टकराव बिंदुओं डेमचोक और देपसांग से सैनिकों की वापसी अंतिम चरण में है। समझौतों के अनुपालन में भारतीय सैनिकों ने इन क्षेत्रों से अपने उपकरणों को पीछे लाना शुरू कर दिया।
सेना के सूत्रों ने पिछले सप्ताह कहा था कि समझौता केवल इन दो टकराव बिंदुओं के लिए हुआ था और अन्य क्षेत्रों के लिए बातचीत अब भी जारी है। यह भी बताया कि पिछले हफ्ते शुरू हुई सैन्य वापसी पूरी होने के बाद इन क्षेत्रों में गश्त शुरू हो जाएगी और दोनों पक्ष अपने-अपने सैनिकों को हटा देंगे। अस्थायी संरचनाओं को नष्ट कर देंगे। इन क्षेत्रों में गश्त की स्थिति को अप्रैल 2020 से पहले के स्तर पर वापस ले जाने की उम्मीद है। एक सूत्र ने कहा कि गश्त सशस्त्र कर्मियों द्वारा की जाएगी और ध्वस्त की जाने वाली संरचनाओं में अस्थायी शेड और तंबू शामिल हैं। यह प्रक्रिया पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों की वापसी पर दोनों देशों के बीच हुए समझौते के बाद हो रही है। यह चार साल से अधिक समय से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने की दृष्टि से एक बड़ी सफलता है।