पटना। राजेन्द्र तिवारी
लोकसभा चुनाव से पहले बिहार पहुंची केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम ने अपना इरादा जाहिर कर दिया है। आयोग ने चुनाव में धन और बल के दुरुपयोग रोकने को लेकर सख्त निर्देश दिए। वहीं तीन साल से एक ही जगह तैनात अधिकारियों के तबादले के निर्देश भी दिए हैं। मिली जानकारी के अनुसार मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के नेतृत्व में टीम ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों के नोडल पदाधिकारियों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और इनकम टैक्स, एक्साइज, रेलवे, परिवहन और एयरपोर्ट के अधिकारियों से चुनाव को लेकर मंथन किया। साथ ही जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। यही नही आयोग ने राज्य में सुरक्षा बलों की उपलब्धता और जरूरतों की जानकारी ली।राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में नेताओं ने आयोग के समक्ष स्वच्छ तथा शांतिपूर्ण मतदान के लिए जरूरी कदम उठाने की मांग की। वहीं नोडल पदाधिकारी, एक्साइज, इन्कम टैक्स, सेल्स टैक्स, ट्रांसपोर्ट, लीड बैंकर, रेलवे, एयरपोर्ट के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में सुरक्षा को लेकर चर्च हुई। निर्वाचन आयोग का जोर चुनाव के दौरान धन के दुरुपयोग को रोकना है। इस पर सख्ती से रोक लगाने के एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों पर जांच की पुख्ता व्यवस्था करने का निर्देश दिया। तीन साल से ज्यादा वक्त से एक ही जगह जमे पदाधिकारियों के तबादले के भी निर्देश दिए गए। पहली बैठक में एडीजी मुख्यालय कुंदन कृष्णन, आईजी ऑपरेशन सुनील खोपड़े, सीपीएमएफ के के के सिंह और चारू सिन्हा शामिल हुईं। दूसरी बैठक में परिवहन सचिव संजय अग्रवाल समेत अन्य विभागों के पदाधिकारी मौजूद थे। जदयू-कांग्रेस ने वीवीपैट वाली ईवीएम से चुनाव कराने की रखी मांग लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए आई टीम ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान राजद के प्रतिनिधिमंडल ने एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया और बैलेट पेपर के माध्यम से वोटिंग कराने की मांग की। कांग्रेस की मांग हर बूथ पर वीवीपैट लगाने की थी। जदयू ने भी वीवीपैट के साथ इवीएम से चुनाव कराने पर सहमति जताई, भाजपा ने मतदाता पर्ची के वितरण होने वाली गड़बड़ी को रोकने की मांग उठाई।