नई दिल्ली। लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और सूरत की कई ट्रेनों मे 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा बरी को गुरुवार को अजमेर की टाडा अदालत ने बरी कर दिया। टुंडा को 11 साल पहले उत्तराखंड से जांच एजेंसी के अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।
31 साल पहले 1993 में लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद और सूरत के कई ट्रेनों में बम विस्फोट हुआ था। इस आतंकी हमले का मुख्य आरोपी अब्दुल करीम टुंडा को बताया गया था। आरोप है कि सैयद अब्दुल करीम उर्फ टुंडा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का बम निर्माता था। टुंडा पर पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा समर्थित भारत में 40 से अधिक बम विस्फोटों की साजिश रचने का आरोप था। बम विस्फोट के बाद से करीब 20 साल तक फरार रहे टुंडा को जांच एजेंसी के अधिकारियों ने16 अगस्त 2013 को उत्तराखंड के बनबसा में भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया था। गुरुवार को सुनवाई के बाद अजमेर की टाडा अदालत ने टुंडा को बरी कर दिया।