इंसान का दिमाग पलक झपकते गढ़ लेता है वाक्य

अंतरराष्ट्रीय

न्यूयॉर्क । न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का दावा है कि व्यक्ति का दिमाग पलक झपकने से भी कम समय में वाक्य की रचना कर लेता है। दिमाग पर हुए शोध में यह बात पहली बार सामने आई है।
इंसान के दिमाग की क्षमता को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। नए अध्ययन में दावा किया गया है कि इंसान का दिमाग कुछ वाक्यों को 125 मिलीसेकंड में गढ़ सकता है। अब तक वैज्ञानिकों को इस बात की जानकारी नहीं थी। दरअसल, इससे पहले के अध्ययन में बताया गया था कि इंसान का दिमाग हर शब्द का मतलब समझने के बाद वाक्य बनाना शुरू करता है जिसमें समय लगता है। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए हालिया अध्ययन में पता चला कि जिस तरह तस्वीर देखते हैं उसी गति से इंसान का दिमाग वाक्य को गढ़ लेता है। इस शोध में 40 प्रतिभागी शामिल थे। वैज्ञानिकों ने अध्ययन के लिए ब्रेन स्कैनिंग डिइवास का इस्तेमाल किया। इन्हें कुछ वाक्य 300 मिलीसेकंड के लिए दिखाए गए। इसके बाद एक या दो शब्द बदलकर वाक्यों को दिखाया और फिर प्रतिभागियों से सवाल जवाब किए। इसमें पता चला कि गलत व्याकरण वाले वाक्यों को लोगों ने जल्दी पहचान लिया जबकि सामान्य वाक्यों की पहचान में कुछ सेकंड की देरी हुई। शोधकर्ताओं ने बताया कि वाक्य के मतलब निकालने से ज्यादा मायने रखता है कि उस वाक्य से वे परिचित हों या उसके जानकारी हों। अध्ययन को साइंस एडवांसेज में प्रकाशित किया गया। यह शोध अंग्रेजी के वाक्यों पर किया गया लेकिन इसी के समान नतीजा अन्य भाषाओं में भी सामने आएगी।

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