हल्द्वानी। अनीता रावत
उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं और बंद सड़कों से मरीजों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। हाल यह है कि प्रसव पीड़ा से कराह रही एक गर्भवती को ग्रामीणों ने 30 किलोमीटर पैदल डोली से रीठासाहिब अस्पताल पहुंचाया। वहां उचित इलाज नहीं मिलने के बाद गर्भवती को एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी में सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचाया गया।
शनिवार को रीठासाहिब के चौड़ा मेहता अस्पताल से नैनीताल जिले के अधोड़ा गांव निवासी ललिता शर्मा को हेलीकॉप्टर से ले जाकर एसटीएच हल्द्वानी में भर्ती कराया गया। पूर्वान्ह करीब सवा दस बजे चम्पावत सर्किट हाउस स्थित हेलीपेड में विधायक कैलाश गहतोड़ी और अन्य लोगों को छोड़ने के बाद हेलीकॉप्टर रीठासाहिब के लिए रवाना हुआ। रीठासाहिब से गर्भवती ललिता, पति हेम शर्मा और एएनएम सुमित्रा रानी को एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी पहुंचाया गया। गर्भवती के पति हेम शर्मा ने बताया कि बीते गुरुवार को पत्नी ललिता को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इसके बाद ग्रामीणों ने 30 किमी पैदल चलकर डोली के जरिए उसे चौड़ामेहता अस्पताल पहुंचाया। एएनएम सुमित्रा रानी ने बताया कि ललिता की पहली डिलीवरी थी। उन्होंने बताया कि गर्भवती को 10 माह हो गए थे, लेकिन प्रसव नहीं हो सका था। केस की गंभीरता को देखते हुए रीठासाहिब में प्रसव कराना संभव नहीं था। उन्होंने बताया कि सड़क बंद होने से महिला को हायर सेंटर ले जाने में दिक्कत हो रही थी। एएनएम की सूचना पर पाटी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ.आभाष ने सीएमओ डॉ.केके अग्रवाल को जानकारी दी। डॉ.आभाष ने बताया कि सीएमओ और डीएम विनीत तोमर से वार्ता के बाद गर्भवती को एयरलिफ्ट कराने के लिए हल्द्वानी से हेलीकॉप्टर रीठासाहिब भेजा गया।