नई दिल्ली। टीएलआई
आतंकवाद के साथ कट्टरपंथ का बड़ा खतरा देश भर में है। कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं पर केंद्र सरकार की करीब से नजर है। आतंकी जिस तरह से आम नागरिकों को लक्षित हमलों (टारगेट किलिंग) के जरिए निशाना बना रहे हैं उससे सरकार की चिंता बढ़ गई है। पिछले दिनों कई आतंकी मॉड्यूल के पर्दाफाश से आतंकियो की देशव्यापी हमलों की रणनीति के चलते सुरक्षाबलों व खुफिया एजेंसियों को ज्यादा समन्वित तरीके से ऑपरेशन चलाने को कहा गया है। यही नहीं खुद केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
सूत्रों का कहना है कि कश्मीर के विभिन्न इलाकों में चल रहे ऑपरेशनों, ओवर ग्राउंड वर्कर्स की तलाश, रेल पुल, पावर स्टेशन एवं जल विद्युत संयंत्रों की चौकसी को लेकर नई रणनीति बनाई जाएगी। उधर सोमवार को गृह मंत्री ने राज्यों के डीजीपी व अर्धसैन्य बलो के प्रमुखों के साथ देश मे आतंक, कट्टरपंथ और अलगाववाद की चुनौती की समीक्षा की। इस बैठक में देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े विषयों के साथ कश्मीर पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने कहा कि संभव है कि जरूरत का आकलन करके घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बल उतारे जाएं। सेना प्रमुख और सीआरपीएफ डीजी का कश्मीर दौरा ताजा चुनौती से निपटने के लिए स्थिति का आकलन करने और ऑपरेशन तेज करने के मद्देनजर हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह की सोमवार को देश भर के पुलिस महानिदेशकों और सुरक्षाबलो के प्रमुखों के साथ बैठक कश्मीर की ताजा आतंकी चुनौतियों के मद्देनजर यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। सूत्रों ने कहा कि बैठक में कश्मीर सहित देश की सुरक्षा पहलू से जुड़े कई अहम चुनौतियों पर चर्चा हुई है। बैठक में प्रदेशो के डीजीपी के अलावा सुरक्षाबलों के प्रमुख और खुफिया विंग से जुड़े अधिकारी भी शामिल हुए। गृह मंत्रालय पूरी स्थिति को काफी करीब से निगरानी कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी 23 अक्तूबर से जम्मू-कश्मीर के दौरे पर जा रहे हैं, जहां पर वह सेना और सुरक्षाबलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।