टोक्यो।
टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल ने ओलंपिक में डेनिस डस्तोमिन को हराकर एकल मैच में इतिहास बनाने के रास्ते पर बढ़ गए हैं। नागल ओलंपिक में 25 साल बाद पुरुष एकल स्पर्धा में जीत दर्ज करने वाले तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने शनिवार को डेनिस इस्तोमिन को तीन सेटों में हरा दिया। नागल ने दो घंटे 34 मिनट तक चले मैच में इस्तोमिन को 6-4, 6-7, 6-4 से मात दी। इससे पहले जीशान अली ने 1988 में सियोल ओलंपिक की टेनिस पुरुष एकल स्पर्धा में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को हराया था। फिर लिएंडर पेस ने ब्राजील के फर्नाडो मेलिजेनी को हराकर अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था। पेस के बाद से कोई भारतीय खिलाड़ी ओलंपिक में एकल मैच नहीं जीत सका है। सोमदेव देववर्मन और विष्णु वर्धन लंदन ओलंपिक 2012 में पहले दौर में ही हार गए थे। हालांकि अब उनकी राह काफी मुश्किल है क्योंकि अब सामना ऑस्ट्रेलियन ओपन के उपविजेता मेदवेदेव से होगा जिन्होंने कजाखस्तान के अलेक्जेंडर बुबलिक को 6-4, 7-6 से हराया। नागल ओलंपिक से पहले अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं थे। उन्हें पहले सेट के छठे गेम में इस्तोमिन की सर्विस तोड़ने का मौका मिला जो उन्होंने गंवा दिया। इस्तोमिन की सर्विस तोड़कर उन्होंने पहला सेट जीत लिया। दूसरे सेट में भी वह 4-1 से आगे थे लेकिन दबाव उन पर हावी हो गया और अपनी सर्विस नहीं बचा सके। इस्तोमिन ने मुकाबला टाइब्रेकर तक खींचा। आखिरी सेट में नागल ने लय बरकरार रखी।