वाराणसी, आशीष राय
काशी विश्वनाथ धाम में ‘समाज व राष्ट्र के निर्माण में मन्दिरों का योगदान’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि देश की संस्कृति व सभ्यता को मंदिरों ने जोड़ा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसी भावना को संरक्षित रखने के लिए मंदिरों के विकास व जीर्णोद्धार का अभियान छेड़ा है।
विश्वनाथ धाम में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने महंतों, पुजारियों और अर्चकों को संबोधित करते हुए कहा कि काशी-तमिल संगमम् ने दोनों जगहों की संस्कृति व परम्पराओं को करीब लाने में मदद की है। उन्होंने कहा कि काशी और तमिल के मंदिरों की देन है कि आज भी हिन्दू समाज अपने संस्कारों के साथ जुड़ा हुआ है। मंदिर ही हमारी परम्पराओं की पहचान हैं। उन्होंने कहा कि इतिहास का पहिया घूम रहा है, भारत का उदय हो रहा है। इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार सुबह महाकवि सुब्रमण्यम भारती के हनुमान घाट स्थित घर पहुंचे और उनके भांजे केवी कृष्णन से मुलाकात की।
उनका कुशलक्षेम जाना। अंगवस्त्रम देकर उन्हें सम्मानित किया। परिजनों से बातचीत की। उन्होंने घर में बना संग्रहालय भी देखा। इस दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि यहां आकर धन्य हुआ। सुब्रमण्यम भारती अब तक के सबसे महान तमिल साहित्यकारों में एक हैं। उनका यह घर ज्ञान केंद्र और पावन तीर्थ है। सामाजिक न्याय और महिला सशक्तीकरण पर भारती जी की रचनाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उनका जीवन, विचार और लेखन आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने कहा कि महाकवि के परिवार में जयंतीजी, हेमा जी, रवी जी और संतोष से मिलकर खुशी के साथ गर्व भी हुआ।