काबुल।
तालिबान ने आफ़ग़ानिस्तान पर रविवार देर रात पूरी तरह कब्जा कर लिया है। साथ ही अफगानिस्तान को इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान बनाने की घोषणा कर दी है। उधर राष्ट्रपति भवन पर कब्जा होने से पहले ही अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी भी देश छोड़कर भाग गए। संभावना जताई जा रही है कि गनी ताजकिस्तान में शरण लेंगे।
अमेरिकी सेना के जाने के 100 दिन के अंदर ही तालिबान ने अफगानिस्तान को अपने कब्जे में ले लिया। 20 साल बाद फिर से अफगानिस्तान को अपने कब्जे में लेने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान का नाम इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान करने का ऐलान कर दिया। तालिबान ने कहा है कि वह देश में इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान को दोबारा स्थापित करेगा। पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व तालिबान नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार ने एक कमेटी का गठन किया है जो शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण को अंजाम देगा। उधर राष्ट्रपति भवन पर तालिबान के पहुंचने से पहले ही राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए। अशरफ गनी ने बयान जारी कर कहा कि मैंने पिछले बीस वर्षों में अफगानिस्तान की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। लेकिन, आज मेरे सामने एक कठिन चुनाव आया कि मुझे हथियारों से लैस तालिबान का सामना करना चाहिए, जो महल में घुसना चाहता था या मुझे अपने प्यारे देश अफगानिस्तान को छोड़ना था। खून की नदियां बहने से बचाने के लिए मैंने सोचा कि देश से बाहर जाना ही ठीक है। तालिबान ने तलवार और बंदूकों के दम पर जीत हासिल की है और अब वे देशवासियों के सम्मान, धन और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए जिम्मेदार होंगे। इतिहास ने ऐसी शक्तियों को कभी नहीं अपनाया है। गनी ने कहा कि तालिबान के लिए आवश्यक है कि वह अफगानिस्तान के सभी लोगों, राष्ट्रों, विभिन्न क्षेत्रों, बहनों और महिलाओं को वैधता और लोगों का दिल जीतने का आश्वासन दे। और वह जनता के साथ मिलकर एक स्पष्ट योजना बनाए। मैं हमेशा अपने देश की सेवा करता रहूंगा।