दो चांद का दीदार करेंगे पृथ्वीवासी
वाशिंगटन। शायरों के लिए चांद हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है। हमेशा से उनकी कल्पनाओं में दो चांद निहित रहा है। इसे लेकर कभी शायरी हुई तो कभी एक रात में दो-दो चांद खिले… गाए गए। अब उन शायरों की कल्पना शाकार होने वाली है। सितंबर से नवंबार माह तो धरती से दो चांद […]
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