तेहरान।
ईरान में सैन्य बलों की बस पर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 27 सैनिकों की मौत हो गई है। सूत्रों के अनुसार यह हमला आज ऐसे समय हुआ, जब सैनिक सीमा पर गश्त अभियान से लौट रहे थे। इस आतंकी हमले में 27 बहादुर जवानों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। बयान में यहूदी खुफिया एजेंसियों पर हमलावरों का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कोर पर आत्मघाती हमला खाश-जाहेदन रोड पर हुआ। गार्ड्स ने बताया कि जवानों की बस के पीछे विस्फोटकों से भरी एक कार में धमाका हुआ। देश 14 साल तक निर्वासित जीवन बिताने के बाद 1979 में अयातुल्लाह रुहल्लाह खामेनी के तेहरान लौटने और पश्चिम समर्थक शाह को बाहर करने की 40वीं वर्षगांठ मना रहा है। उनके आगमन से इस्लामिक क्रांति की शुरुआत हुई थी और इस्लामिक गणतंत्र का उदय हुआ था।रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर हमला दक्षिणपूर्वी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में हुआ जहां बड़ी संख्या में जातीय बलूच समुदाय के सुन्नी मुस्लिम रहते हैं। इस प्रांत की सीमा पाकिस्तान से लगती है। एसआईटीई खुफिया समूह ने बताया कि हमले की जिम्मेदारी जैश-अल-अद्ल ने ली है, जो सुन्नी चरमपंथी समूह है। इसका गठन सुन्नी चरमपंथी समूह जुंदल्लाह के उत्तराधिकारी के रूप में 2012 में बना था। एसआईटीई ने कहा कि ईरान में आतंकी समूह के रूप में काली सूची में दर्ज जैश-अल-अद्ल ने एक एक संक्षिप्त संदेश में हमले की जिम्मेदारी ली है। यह हमला ऐसे समय हुआ है जब अमेरिका ने पश्चिम एशिया और ईरान पर एक सम्मेलन के लिए करीब 60 देशों को पोलैंड में एकजुट किया। उन्हें उम्मीद है कि इससे तेहरान पर दबाव बढ़ेगा।