हल्द्वानी। अनीता रावत
कुमाऊं के देवीधुरा में रविवार को ईंटों और पत्थरों से युद्ध हुआ। मां वाराही धाम देवीधुरा में रक्षाबंधन पर खेली गई बग्वाल में चार खाम और सात थोक के बीच करीब आठ मिनट चल फूलों, पत्थरों और ईंट चले। बग्वाल में 75 से अधिक लोग घायल हुए। घायलों में रणबांकुरों के अलावा कुछ दर्शक और कवरेज कर रहे मीडिया कर्मी भी शामिल रहे।
रविवार को प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन के तहत ही बग्वाल मेले का आयोजन किया गया था। बाहर के लोगों के लिए बग्वाल में प्रवेश पर रोक लगाई गई थी। सुबह छह बजे पीठाचार्य कीर्ति बल्लभ जोशी के नेतृत्व में वाराही धाम में विशेष अनुष्ठान संपन्न हुआ। सुबह 11:02 बजे से शंखनाद के साथ चारों खामों ने फलों की बग्वाल शुरू कर दी थी। उसके कुछ ही सेकेंड बाद वहां पत्थरों, ईंट और डंडों की बग्वाल शुरू हो गई थी। 11:10 बजे धर्मानंद पुजारी ने शंखनाद और चंवर झुलाकर बग्वाल के समापन की घोषणा की। पत्थर और ईंट के प्रहार से रणबाँकुरे सहित 75 से अधिक लोग घायल हुए।
ये वो घायल हैं, जिन्होंने अस्प्ताल में उपचार कराया था। इसके अलावा भी कुछ और दर्शक मामूली रूप से चोटिल हुए, जो उपचार बगैर घरों को लौट गए थे। घायलों का नजदीकी अस्पताल में उपचार कराया गया। पाटी अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आभाष सिंह ने कहा बग्वाल में करीब 75 लोग घायल हुए। सभी घायलों की हालत खतरे से बाहर है। सभी का उपचार कर दिया गया है। प्रशासन की ओर से मौके पर एंबुलेंस सहित पूरा स्टाफ तैनात किया गया था।