कोलंबो।
श्रीलंका से चार दशकों से अधिक समय के बाद फांसी की सजा फिर से शुरू करने की योजना पर रोक लगाने का एमनेस्टी इंटरनेशल ने अनुरोध किया है। एमनेस्टी ने कहा है कि मौत की सजा से मादक पदार्थ संबंधी अपराधों का खात्मा नहीं होगा।
मानवाधिकार संस्था का यह बयान बुधवार को सामने आया है। सोमवार को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने घोषणा की है कि मादक पदार्थ से संबंधित अपराधों के बढ़ते खतरों के बीच 43 साल बाद देश में पहली बार फांसी की सजा के लिए तारीख तय की गई है। एमेनेस्टी इंटरनेशन के दक्षिण एशिया के निदेशक ब्रिज पटनायक ने कहा कि यह कोई सटीक आपराधिक न्याय प्रणाली नहीं है और किसी निर्दोष व्यक्ति को फांसी देने के जोखिम से कभी इंकार नहीं किया जा सकता। पटनायक ने कहा कि फांसी से कुछ नहीं हो सकता।