नई दिल्ली । नीलू सिंह
अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, असम और मिजोरम में असम राइफल को मिले विशेषाधिकारों को स्थगित करने की तैयारी है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को फैसला किया। गृह मंत्रालय अब संबंधित राज्य सरकारों के साथ इस मुद्दे पर फिर से विचार करेगा जिन्होंने जाहिर तौर पर अर्धसैनिक बल को व्यापक अधिकार दिए जाने के कदम का विरोध किया है।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र ने पूर्वोत्तर राज्यों में बिना किसी वारंट के तलाशी लेने और किसी को भी गिरफ्तार करने के लिए असम राइफल को दी गई विशेष शक्तियों को स्थगित रखने का शुक्रवार को फैसला किया।
इसके तहत 19 फरवरी को जारी की गई संबंधित अधिसूचना को स्थगित रखा जाएगा और इस पूरे मामले पर राज्य सरकारों के साथ विचार किया जाएगा। उस अधिसूचना के जरिये असम राइफल को अधिकार दिए गए थे।
अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि सीआरपीसी के तहत असम राइफल कानून, 1941 के तहत असम राइफल को शक्तियां प्राप्त थीं। हालांकि, नए असम राइफल कानून 2006 के लागू होने के बाद तब से इन शक्तियों को फिर से लागू करने का मुद्दा विचाराधीन है। असम राइफल पूर्वोत्तर में प्रमुख उग्रवाद विरोधी बल है।
यह संवेदनशील भारत-म्यांमार सीमा की भी रक्षा करता है। पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून लागू है जिसके तहत क्षेत्र में सेना को इस तरह की शक्ति प्राप्त है।