लखनऊ। राजेन्द्र तिवारी
मानसून सत्र के पहले दिन ही विधान परिषद में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा को अब्बाजान से परेहज है लेकिन इन्हें मुस्लिम वोट चाहिए। आखिर अब्बाजान शब्द कब से असंसदीय हो गया। उन्होंने अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर कहा कि वो कौन चेहरे थे, जो कहते थे कि वैक्सीन नहीं लगवाएंगे, ये वैक्सीन भाजपा की है, मोदी वैक्सीन है। ये उनके अपराधी हैं, जिन्होंने वैक्सीन के अभाव में जान गंवाई है। अब जब अब्बाजान वैक्सीन लगाते हैं तो कहते हैं कि हां, अब हम लगाएंगे।
मुख्यमंत्री ने पूछा कि अब्बाजान शब्द कब से असंसदीय हुआ है? आज से बोलना बंद करेंगे, लेकिन कम से कम वोट बैंक की राजनीति बंद कर दीजिए। उन अपराधियों को कटघरे में खड़ा करना चाहिए, जिन्होंने वैक्सीन का विरोध किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में सात करोड़ से ज्यादा टेस्ट और छह करोड़ से ज्यादा वैक्सीन लग चुकी है। आगरा में जो पहले मरीज थे, उनका सैंपल पुणे गया था लेकिन आज यूपी 4 लाख प्रतिदिन टेस्ट की क्षमता है। आज सबसे ज्यादा टेस्ट करने वाला राज्य यूपी है। पूरे देश में यूपी की सबसे कम पाजिविटी रेट 0.01 है, रिकवरी रेट 98.6 फीसदी, मृत्यु दर 1.3 फीसदी है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मंगलवार को विधान परिषद में समाजवादी पार्टी व कांग्रेस द्वारा कोरोना प्रबंधन को लेकर दी गई कार्यस्थगन की नोटिस का जवाब दे रहे थे। मुख्यमंत्री के अब्बाजान के वक्तव्य पर सपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया और इसे कार्रवाई से हटाने की मांग की। नेता विरोधी दल अहमद हसन ने कहा कि उन्हें इस शब्द से तकलीफ पहुंची है। इस पर मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा को मुस्लिम वोट चाहिए, लेकिन अब्बाजान से परहेज है।