लखनऊ। राजेन्द्र तिवारी
उत्तरप्रदेश में लोकसभा को देखते हुए सपा और बसपा में चुनावी गठबंधन हो गया है। शनिवार को बसपा प्रमुख मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन का ऐलान कर दिया। सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि गठबंधन के विचार की नींव उसी दिन से बैठ गई थी, जिस दिन से भाजपा ने मायावतीजी के बारे में अभद्र टिप्पणियां शुरू कर दी थीं। मैंने उस दिन बसपा-सपा के गठबंधन के विचार पर मन में अंतिम मुहर लगा दी थी।
मायावती ने कहा कि राज्य की 80 लोकसभा सीटों में से सपा और बसपा 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। अमेठी (राहुल गांधी की सीट) और रायबरेली (सोनिया गांधी की सीट) के लिए कांग्रेस से गठबंधन किए बिना ही छोड़ दिया गया है। बाकी शेष दो सीटों पर अन्य पार्टियों को मौका देंगे। कांग्रेस के गठबंधन में शामिल नहीं होने पर मायावती ने कहा कि कांग्रेस से गठबंधन करके हमें फायदा नहीं मिलता, बल्कि कांग्रेस को हमारे वोट ट्रांसफर हो जाते हैं। हमारा वोट प्रतिशत घट जाता है।
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, इन दोनों गुरु-चेले की नींद उड़ा देने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस है। देश और जनहित को लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर रखते हुए हमने यहां आपस में चुनावी समझौता करने का फैसला लिया है। लखनऊ गेस्ट हाउस कांड को भी किनारे करके भी हमने देश के सबसे बड़े प्रदेश में गठबंधन करके चुनाव लड़ने का फैसला लिया है ताकि इस बार भाजपा एंड कंपनी को रोका जा सके। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों शासनों में रक्षा सौदों में घोटाले हुए हैं। राफेल घोटाले के कारण भाजपा को 2019 के चुनाव में सरकार गंवानी पड़ेगी। कांग्रेस पार्टी के राज में घोषित इमरजेंसी थी। अब भाजपा के राज में अघोषित इमरजेंसी है। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि गठबंधन के विचार की नींव उसी दिन से बैठ गई थी, जिस दिन से भाजपा ने मायावतीजी के बारे में अभद्र टिप्पणियां शुरू कर दी थीं। मैंने उस दिन बसपा-सपा के गठबंधन के विचार पर मन में अंतिम मुहर लगा दी थी। जब बसपा उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर को राज्यसभा चुनाव में छल-कपट से हराकर भाजपा के लोगों ने खुशियां मनाई थीं। भाजपा और उसके नेता ये बात भी अच्छी तरह समझ लें कि बसपा और सपा का यह केवल चुनावी गठबंधन नहीं है, यह भाजपा के अन्याय का अंत भी है। अब दोनों दलों के कार्यकर्ता मिलकर भाजपा के अत्याचारों का मुकाबला करेंगे।अखिलेश ने इस बारे में अपने कार्यकर्ताओं को संदेश दिया कि सपा का हर कार्यकर्ता आज से यह मान ले कि मायावतजी का सम्मान, मेरा सम्मान है। अगर कोई भाजपा नेता मायावतीजी का अपमान करता है तो वह मेरा अपमान माना जाए। गौरतलब है कि सपा-बसपा के बीच 26 साल पहले भी गठबंधन हुआ था। 1993 में भी दोनों दल साथ आए थे।