पटना। बिहार में महागठबंधन सरकार पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। शुक्रवार को जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन की सरकार थी लेकिन शनिवार को किसकी सरकार होगी, तय नहीं है? हालांकि सियासी हलचल बता रहे हैं कि महागठबंधन सरकार के दिन लद गए हैं, उनकी उलटी गिनती शुरू हो गई है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा-जदयू की नई सरकार के गठन की संभावनाएं बढ़ गई हैं। सियासी जानकारों का दावा है कि रविवार को सुबह में नीतीश कुमार इस्तीफा देकर शाम को नई सरकार का गठन करेंगे और सीएम पद की शपथ लेंगे। नई सरकार में एनडीए के मौजूदा घटक दल हम, रालोजद और लोजपा के दोनों गुटों के भी शामिल रहने के भी आसार हैं।
बिहार को लेकर शनिवार को दिनभर पटना से दिल्ली तक सियासी हलचल रही। नीतीश कुमार के परिवारवाद पर आए बयान के बाद महागठबंधन सरकार के जाने के कायस लगाने वाले सियासी पंडितों ने रविवार को नई सरकार के गठन का दावा भी कर दिया। उनका दावा है कि जदयू और भाजपा के पास बहुमत का संख्याबल है। दोनों को मिलाकर 124 (एक निर्दलीय समेत) विधायक हैं। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 विधायकों के समर्थन की दरकार है। एनडीए के साझीदार जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ को जारी अटकलें पर भी शाम होते होते विराम लग गया। मांझी ने साफ कर दिया कि वे एनडीए के साथ रहेंगे। ऐसे में नई सरकार के पक्ष में 128 विधायकों का समर्थन हो जाएगा। वर्तमान में राजद के पास 79 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 19 और माले के पास 12 विधायक हैं। बदलते घटनाक्रम के बीच शनिवार देर शाम भाजपा आलाकमान के निर्देश पर भाजपा विधानमंडल दल की भी बैठक हुई और इसमें सभी नेताओं को पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व के निर्णय की जानकारी दी गई। रविवार सुबह 9 बजे भी भाजपा कोर कमेटी की बैठक होगी। सुबह दस बजे पार्टी के सभी विधायकों को भी बुला लिया गया है। उधर, सुबह दस बजे से जदयू विधानमंडल दल की बैठक भी रखी गई है, जिसमें नीतीश कुमार पार्टी नेताओं को अपने निर्णय से अवगत कराएंगे। इस बैठक में साढ़े दस बजे के बाद भाजपा के विधायक जुड़ेंगे तथा यह बैठक एनडीए विधायक दल की बैठक में तब्दील हो जाएगी। भाजपा की ओर से राजभवन को नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठित होने वाली नई सरकार को समर्थन का पत्र सौंपा जाना लगभग तय है। नीतीश कुमार राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे तथा नई सरकार के गठन का दावा पेश करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार का बतौर मुख्यमंत्री 9वीं बार शपथ ग्रहण रविवार को ही आयोजित हो सकता है। मुख्यमंत्री के साथ ही भाजपा कोटे से दो उप मुख्यमंत्री के शपथ लेने की संभावना है। शपथ ग्रहण में गृहमंत्री अमित शाह या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के शामिल होने की चर्चा है। इस बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने अपनी पार्टी के विधायकों को पटना में रहने और फोन बंद नही रखने को कहा। वहीं, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि अबतक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बदलती राजनीतिक स्थिति को लेकर कुछ नहीं कहा गया है, ऐसे में राज्य में महागठबंधन सरकार कायम है। पार्टी हर स्थिति पर नजर रखी हुई है। सूत्रों की मानें तो तेजस्वी ने अपने विधायकों से यह भी कहा कि हर चीज मुख्यमंत्री के नियंत्रण में नहीं है। बिहार में अभी खेला होना बाकी है।