नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अपना इस्तीफा शनिवार को राज्यपाल को सौंप दिया। इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा कि मैंने खुद को अपमानित महसूस किया, जिसके बाद पद छोड़ने का फैसला किया। इससे पहले कांग्रेस के 50 से अधिक विधायकों ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाने की मांग की थी। इसी पत्र के बाद पार्टी आलाकमान ने विधायक दल की बैठक बुलाने का निर्देश दिया।
राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद राजभवन के बाहर अमरिंदर ने कहा कि उन्होंने कहा कि मेरा फैसला सुबह हो गया था। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से बात की थी और उनसे कह दिया था कि इस्तीफा दे रहा हूं। यह तीसरी बार हो रहा है। पहले विधायकों को बुलाया, दूसरी बार बुलाया और तीसरी बार बैठक कर रहे हैं। मैं अपमानित महसूस करता हूं। मेरे ऊपर अगर संदेह है तो ऐसे में मैंने फैसला किया कि मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया जाए। उन्होंने कहा कि फिलहाल वह कांग्रेस में हैं लेकिन अपने साथियों और समर्थकों के साथ बातचीत करने के बाद भविष्य के कदम एवं विकल्प पर फैसला करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस अलाकमान जिसे चाहे, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है। इससे पहले सिंह ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मुलाकात कर अपना और अपने मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंपा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को जिस पर भरोसा हो, उसे मुख्यमंत्री बना सकता है। यह पूछे जाने पर कि उनकी भविष्य की रणनीति क्या होगी तो अमरिंदर सिंह ने कहा, मेरी 52 साल की राजनीति में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनके साथ बातचीत करने के बाद इस बारे में फैसला करूंगा। इस सवाल पर कि क्या वह नए मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे तो उन्होंने कहा कि अपने साथियों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां तक मेरी भविष्य की राजनीति का सवाल है, तो एक विकल्प हमेशा रहता है, समय आने पर उस विकल्प को देखूंगा। मैं अपने साथियों से बात करके कोई फैसला करूंगा।