नौकरी का झांसा देकर रुस-यूक्रेन युद्ध में भारतीयों को भेजने का खुलासा

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नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है। विदेशों में नौकरी दिलाने की आड़ में भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में ले जाया जाता था। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एजेंसी सात शहरों में 10 से अधिक स्थानों पर तलाशी ली। अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने विभिन्न वीजा परामर्श फर्मों और एजेंटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और 50 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। जो कंपनियां कथित मानव तस्करी नेटवर्क में शामिल पाई गईं उनमें 24×7 आर.ए.एस. ओवरसीज फाउंडेशन, केजी मार्ग, नई दिल्ली और इसके निदेशक सुयश मुकुट के रूप में हुई। ओएसडी ब्रोस ट्रेवल्स एंड वीज़ा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई और इसके निदेशक राकेश पांडे, एडवेंचर वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, चंडीगढ़, पंजाब और इसके निदेशक मंजीत सिंह, बाबा व्लॉग्स ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, दुबई और इसके निदेशक फैसल अब्दुल मुतालिब खान उर्फ ​​बाबा। सीबीआई ने कहा कि ये तस्कर एक संगठित नेटवर्क के रूप में काम कर रहे हैं और यूट्यूब आदि जैसे सोशल मीडिया चैनलों और अपने स्थानीय संपर्कों/एजेंटों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को रूस में उच्च वेतन वाली नौकरियों के लिए लुभा रहे थे। जांच एजेंसी ने बताया कि इन लोगों ने अभी तक 35 लोगों को रूस और यूक्रेन भेजा है। इस मामले में सीबीआई दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में लगभग 13 स्थानों पर एक साथ तलाशी ली जा रही है। इसके साथ ही एजेंसी को आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जैसे लैपटॉप, मोबाइल, डेस्कटॉप, सीसीटीवी फुटेज आदि जब्त कर लिए गए हैं। इस मामले में अभी भी तलाश ली।

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