लखनऊ। राजेन्द्र तिवारी
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत के बाद जार्जटाउन पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच के लिए डीआईजी ने एक एसआईटी का गठन किया गया है। इसमें सीओ समेत 18 पुलिसकर्मी शामिल है। क्राइम ब्रांच, फोरेंसिक और सर्विलांस टीम को भी इस एसआईटी में शामिल किया गया है। वहीं शिष्य आनंद गिरि को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। मंगलवार दोपहर साढ़े बारह बजे उनको पुलिस लाइन में लाकर पूछताछ की गई। पुलिस अफसरों ने आपत्तिजनक वीडियो और विवाद के बारे में पूछताछ की। इस दौरान आनंद गिरि के वकील को भी उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई। पुलिस अफसरों का कहना है कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को मठ बांघबरी गद्दी में नरेंद्र गिरि का अंतिम दर्शन करने के बाद कहा था कि इस मामले की एडीजी और कमिश्नर समेत अन्य पुलिस अफसर जांच करेंगे। शाम को पुलिस अफसरों ने बैठक की। एडीजी के निर्देश पर डीआईजी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने 18 सदस्यी एक एसआईटी का गठन कर दिया। इसमें कोई भी आईपीएस नहीं है। सीओ कर्नलगंज अजीत सिंह चौहान को एसआईटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा सीओ पंचम आस्था जायसवाल, थाना प्रभारी जार्जटाउन महेश सिंह, इंस्पेक्टर सुजीत दुबे, वीरेंद्र सोनकर, सर्विलांस प्रभारी संजय सिंह, नारकोटिक्स प्रभारी महावीर सिंह, जार्जटाउन थाने से दरोगा बलवंत यादव और क्राइम ब्रांच के दरोगा मनोज सिंह, दीवान अभय, नवीन राय, सिपाही विनोद दुबे, अवनीश, शशि प्रकाश और फोरेंसिक से संदीप, योगेंद्र व महिला सिपाही अनीता और स्नेहा को शामिल किया गया है। उधर नरेंद्र गिरि की आत्महत्या की खबर मिलते ही पुलिस आनंद गिरि की तलाश में सक्रिय हो गई थी। सहारनपुर से पुलिस की एक टीम सोमवार को ही हरिद्वार भेजकर आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया। वहां से आनंद गिरि को सहारनपुर लाया गया। फिर आनंद गिरि लखनऊ होते हुए मंगलवार दोपहर प्रयागराज पहुंचे। यहां पर सहारनपुर की पुलिस ने आनंद गिरि को क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया। पुलिस लाइन के अंदर एडीजी, आईजी और डीआईजी भी पहुंच गए। सभी अफसरों ने आनंद गिरि से पूछताछ शुरू की। इसके साथ ही पुलिस अफसरों ने पुलिस लाइन में एक बैठक कर इस प्रकरण में कार्रवाई करने के लिए विचार विमर्श किया।