हल्द्वानी। अनीता रावत
छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में समाज कल्याण विभाग ने आखिर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को ओबीसी छात्रों का ब्योरा उपलब्ध करा दिया है। इसके साथ ही दस और संस्थानों की सूची भी सौंपी गयी है। एसआईटी की ओर से लगातार रिमाइंडर भेजने के बाद समाज कल्याण विभाग हरकत में आया है। टीम ने अब ओबीसी छात्रों और संस्थानों की जांच शुरू कर दी है।
ऊधमसिंह नगर में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच एसआईटी ने सितंबर 2019 में शुरू की थी। घोटाले में उत्तराखंड, यूपी समेत हरियाणा, राजस्थान तक के 270 कॉलेज जांच के घेरे में आये थे। साक्ष्य जुटाने के बाद 60 कॉलेजों के प्रबंधनों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं, अब तक 60 से अधिक बिचौलियों पर कार्रवाई हो चुकी है। समाज कल्याण विभाग में तैनात रहे चार अन्य कर्मचारियों की जांच अभी चल रही है। एसआईटी के मुताबिक, 2011-12 से लेकर 2014-15 में रुद्रपुर में समाज कल्याण विभाग में तैनात रहे इन कर्मचारियों के खिलाफ साक्ष्य जुटाये जा रहे हैं। बताया जा रह है कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले के दूसरे चरण में एसआईटी ऊधमसिंह नगर के 203 शैक्षिक संस्थानों और इनसे जुड़े छात्रों का भौतिक सत्यापन कर रही है। एसआईटी ने कुछ समय पहले जिला समाज कल्याण विभाग से शैक्षिक संस्थानों के साथ ही एससी-एसटी और ओबीसी लाभार्थियों के दस्तावेज मांगे थे, लेकिन विभाग की ओर से जानकारी देने में देरी की जा रही थी। लगातार कई रिमाइंडर भेजने के बाद शनिवार देर शाम विभाग ने दस शैक्षिक संस्थानों और इनमें पढ़ रहे ओबीसी छात्रों की सूची एसआईटी को उपलब्ध करा दी है। इससे पहले एसआईटी को 169 संस्थानों की सूची मिल चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि समाज कल्याण विभाग से मिली सूची के आधार पर जांच की जा रही है।