सिंगापुर। गणित पढ़ने में एशियाई देश सिंगापुर के साथ ही जापान, हांगकांग आगे हैं, जबकि यूरोपीय देश जर्मनी और फ्रांस निचले पायदान पर पहुंच गए हैं।
एक वैश्विक शिक्षा सर्वेक्षण से कई देशों में
शैक्षणिक प्रगति में कई देशों में गिरावट आई है। दुनिया के दर्जनों देशों में गणित पढ़ने में बच्चे पिछड़ रहे हैं। जहां एशियाई देशों का दबदबा है वहीं यूरोपीय देशों में जर्मनी और फ्रांस निचले पायदान पर हैं। जर्मन विद्यार्थियों का प्रदर्शन पढ़ने, गणित और विज्ञान में पहले से कहीं ज्यादा खराब है। कोविड-19 महामारी के बाद वैश्विक शिक्षा की स्थिति पर पहला अध्ययन छात्रों की मानसिक स्थिति पर भी केंद्रित है।
अंतरराष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (पीआईएसए) के सर्वेक्षण के अनुसार, 2018 के परीक्षणों के बाद से औसत अंतरराष्ट्रीय गणित स्कोर में 15 अंकों की गिरावट आई है। जो सीखने के एक वर्ष के तीन-चौथाई के बराबर है, पढ़ने में आधे साल के बराबर की गिरावट आई है, केवल विज्ञान के स्कोर कमोबेश वही रहे हैं। बीस अंक को सीखने के एक वर्ष के बराबर माना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, आइसलैंड, नीदरलैंड, नॉर्वे और पोलैंड जैसे देशों में गणित में उल्लेखनीय रूप से कम उपलब्धियां देखी गईं। वहीं अन्य देशों में 2022 में 15 साल के औसत बच्चे ने 2018 में 14 साल के बच्चे के अपेक्षित स्तर पर स्कोर किया। पीआईएसए हर तीन साल में पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन द्वारा आयोजित किया जाता है। 81 देशों में गणित, पढ़ने और विज्ञान में 15 वर्षीय छात्रों के ज्ञान का परीक्षण करता है। सर्वेक्षण के मुताबिक एशियाई छात्रों का दबदबा रहा और कई छात्रों ने दुनिया भर में अन्य जगहों पर अपने साथियों से बेहतर प्रदर्शन किया। नवीनतम मूल्यांकन में सिंगापुर शीर्ष स्थान पर रहा। नतीजों से पता चलता है कि औसतन सिंगापुर के छात्र अपने साथियों से लगभग तीन से पांच साल आगे स्कूली शिक्षा के बराबर हैं। मकाओ, ताइवान, हांगकांग, जापान और दक्षिण कोरिया के छात्रों का प्रदर्शन गणित में बेहतरीन रहा। इसके अलावा पढ़ने और विज्ञान में प्रदर्शन अच्छा रहा।